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गले में मेडल डालकर फुटपाथ पर रात-दिन गुजार रहा हाकी खिलाड़ी तालिब, PDA ने किश्त नहीं जमा करने पर किया बेघर

राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी मोहम्मद तालिब परिवार के साथ पांच दिनों से सड़क पर बैठे हैं। सड़क पर ही उनकी दिन और रात कट रही है। आरोप है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने मकान की बकाया किश्त नहीं जमा करने पर 18 मार्च को सामान सहित बाहर निकाल दिया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 08:35 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 09:29 PM (IST)
गले में मेडल डालकर फुटपाथ पर रात-दिन गुजार रहा हाकी खिलाड़ी तालिब, PDA ने किश्त नहीं जमा करने पर किया बेघर
पीडीए की कारपोरेशन कालोनी के सामने हॉकी खिलाड़ी तालिब परिवार सहित न्याय की गुहार लगा रहा है।

प्रयागराज, जेएनएन। गले में पड़े कई मेडल के साथ राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी मोहम्मद तालिब परिवार के साथ पांच दिनों से सड़क पर बैठे हैं। सड़क पर ही उनकी दिन और रात कट रही है। आरोप है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने मकान की बकाया किश्त नहीं जमा करने पर 18 मार्च को सामान सहित बाहर निकाल दिया। अटाला स्थित मजीदिया इस्लामिया इंटर कालेज के निकट पीडीए की कारपोरेशन कालोनी के सामने हॉकी खिलाड़ी तालिब परिवार सहित न्याय की गुहार लगा रहा है। इंटरनेट मीडिया के जरिए वह लोगों को बता रहा है कि उसके साथ अन्याय हुआ है। उसका परिवार गरीब है। पीडीए को भुगतान के बाद भी वह आज सड़क पर है।

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इंटरनेट पर वायरल हो गया है वीडियो   

मध्य प्रदेश की टीम में शामिल होने के बाद सीनियर नेशनल और जूनियर नेशनल चैंपियनशिप समेत कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेल चुके हॉकी खिलाड़ी तालिब के पिता शाह आलम ने बताया कि 1974 में उनके अब्बू एनएम कुरैशी किराए पर एडीए के कार्पोरेशन कालोनी में रहते थे। पिता के मृत्यू के बाद सन 2000 में एडीए ने एक योजना के माध्यम से मकान खरीदने का प्रस्ताव दिया और एक खास रकम को जमा करने के लिए भी कहा। उस समय मैने 25 हजार जमा कर शेष धनराशि किस्त के लिए समय मांगा। इस बीच आर्थिक दिक्कतों की वजह से नौ साल तक किश्त नहीं जमा कर स के। 2009 में  प्राधिकरण की तरफ से नोटिस मिलने लगी, जो क्रमशा: 94100, 132000, 155000 की थी। फरवरी में इसी ओटीएस योजना के माध्यम से हमें लाभ देने की बात कही गई और दो किश्तों में 20 फरवरी से सात मार्च के भीतर 127000 देने को कहा गया। एक दिन पहले 19 फरवरी को हमने पहली किश्त जमा कर दी। जब सप्ताह के बाद दूसरी किश्त जमा करने गए तो वहां के एक बाबू ने अतिरिक्त पैसे की मांग की। नहीं देने पर उसने निर्धारित तिथि पर दूसरी किश्त नहीं जमा की।


हाईकोर्ट तक गए मगर नहीं मिली राहत 

शाह आलम का कहना है कि पीडीए को इस बाबत को प्रार्थना पत्र दिया, मगर कोई समाधान नहीं हो सका। कंज्यूमर कोर्ट गए और तीन साल तक केस चला, अंत मेंं हाइकोर्ट जाने को आदेश मिला। इधर हाइकोर्ट ने दोबारा कंज्यूमर कोर्ट भेज दिया। ऐसे में हमने निराश होकर कहीं भी जाना छोड़ दिया। चार रोज पहले 18 मार्च 2021 को प्राधिकरण ने हमारा सामान बाहर निकालकर घर में ताला लगा दिया। तब से हम घर के बाहर बिखरे पड़े समान के साथ परिवार संग न्याय की गुहार लगा रहे हैैं। हॉकी खिलाड़ी तालिब ने सरकार ने निवेदन किया है कि मामले की जांच कराकर घर वापस दिलाने की मांग की है। कहा कि है जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक वह सड़क पर ही रहेंगे।

जोनल अधिकारी का है कहना

- 11 साल पहले ही भुगतान नहीं कर पाने के कारण मकान का आवंटन निरस्त कर दिया गया था। निरस्तीकरण के बावजूद इन्हें रकम जमा करने का पूरा अवसर दिया गया। धनराशि नहीं जमा करने पर कार्रवाई की गई। 

 आलोक पांडेय,  जोनल अधिकारी


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