Move to Jagran APP

Narendra Giri Death Case: महंत ने डाक्टर से डेढ़ करोड़ में की थी जमीन बेचने की डील, सीबीआइ चार्ज शीट में तथ्‍य उजागर

Narendra Giri Death Case सीबीआइ की जांच के दौरान यह तथ्य जरूर सामने आया कि महंत जमीन बेचने के इच्छुक थे जिसका आनंद गिरि विरोध करे थे मगर पैसे लेने की पुष्टि नहीं हो सकी। महंत नरेंद्र गिरि को हरिद्वार में भी कुछ इच्छुक पार्टियों द्वारा पैसा दिया गया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 06:27 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 07:36 AM (IST)
Narendra Giri Death Case: महंत ने डाक्टर से डेढ़ करोड़ में की थी जमीन बेचने की डील, सीबीआइ चार्ज शीट में तथ्‍य उजागर
महंत नरेंद्र गिरि मृत्यु मामले में सीबीआइ की चार्जशीट में कई तथ्‍य सामने आए हैं।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज में अल्लापुर स्थित श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के परिसर का एक हिस्सा बेचने की तैयारी थी। इसके लिए महंत के मुखिया रहे नरेंद्र गिरि ने शहर के चर्चित हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. यूबी यादव से डेढ़ करोड़ रुपये में डील की थी। इतना ही नहीं, कई बिल्डर और रियल एस्टेट कारोबारी से भी महंत के अच्छे संबंध थे। नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में जमीन के कारोबार से जुड़े दो लोगों को उल्लेख करते हुए उनसे पैसे के लेनदेन का जिक्र किया था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सीबीआइ की ओर से कोर्ट में दाखिल किए गए आरोप पत्र में ऐसे ही कई और सनसनीखेज तथ्यों का पर्दाफाश हुआ है।

loksabha election banner

आनंद गिरि ने निरंजनी अखाड़े का किया था दौरा

दरअसल, 25 फरवरी 2021 को महंत नरेंद्र गिरि हरिद्वार गए थे और उनके साथ सुमित तिवारी भी थे। दोनों 14 मार्च तक हरिद्वार के मुल्तानी माढ़ी निरंजनी अखाड़ा में रहे। इस दौरान आनंद गिरि ने निरंजनी अखाड़े का दौरा किया था। तब उसने सुमित को बताया कि महंत ने बाघम्बरी गद्दी की जमीन का एक बड़ा हिस्सा अपने परिवार के सदस्यों और स्वयं के फायदे के लिए बेच दिया था। उसने यह भी आरोप लगाया था कि महंत मठ के परिसर में स्थित गोशाला की जमीन बेचना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने डा. यूबी यादव से डेढ़ करोड़ रुपये लिए थे।

सीबीआइ की जांच में यह तथ्‍य सामने आया

हालांकि सीबीआइ की जांच के दौरान यह तथ्य जरूर सामने आया कि महंत जमीन बेचने के इच्छुक थे, जिसका आनंद गिरि विरोध करते थे, मगर पैसे लेने की पुष्टि नहीं हो सकी। जांच एजेंसी को यह भी पता चला है कि महंत नरेंद्र गिरि को हरिद्वार में भी कुछ इच्छुक पार्टियों द्वारा पैसा दिया गया था। वह भी महंत से जमीन खरीदना चाहते थे, लेकिन पैसा देने वाले शख्स भुगतान का साक्ष्य नहीं उपलब्ध करा सके थे।

आनंद की रिहाई को आस्ट्रेलिया भेजी गई थी बड़ी रकम

सीबीआइ की जांच में इस बात का भी पर्दाफाश हुआ है कि आनंद गिरि की रिहाई केे लिए महंत नरेंद्र गिरि ने बड़ी रकम आस्ट्रेलिया भेजी थी। साथ ही अपने राजीनीतिक संबंधों को इस्तेमाल किया गया था। मई 2019 में आनंद गिरि को आस्ट्रेलिया में छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तब मठ और अपने शिष्य की साख को बचाने के लिए नरेंद्र गिरि ने पैसा भेजने के साथ राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया था। इसके चलते ही आनंद गिरि की रिहाई हुई और वह सुरक्षित रूप से भारत वापस लौटे थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.