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Nag Panchami 2020 : दूध लावा के माध्‍यम से नागदेव का पूजन, काल सर्प दोष से मुक्ति को यह करें Prayagraj News

Nag Panchami 2020 पंचमी तिथि दिन में 1.53 बजे तक है। वहीं पूजन का विशेष मुहूर्त सुबह 5.42 से 8.33 बजे तक है। कोरोना संक्रमण के कारण आज अखाड़ों में कुश्‍ती नहीं होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 08:25 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 02:58 PM (IST)
Nag Panchami 2020 : दूध लावा के माध्‍यम से नागदेव का पूजन, काल सर्प दोष से मुक्ति को यह करें Prayagraj News
Nag Panchami 2020 : दूध लावा के माध्‍यम से नागदेव का पूजन, काल सर्प दोष से मुक्ति को यह करें Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में नागपंचमी का त्योहार परंपरागत उत्साह से मनाया जा रहा है। कोरोना काल में कुश्तियां जरूर नहीं हुईं लेकिन मंदिरों में पहुंच कर लोगों ने दूध लावा चढ़ावा। घरों में खीर पूड़ी, सेवई बनी। कहीं कहीं संपेरे भी सांपों के साथ दिखे। लोगों ने नागदेवता की पूजा की। नागवासुकि मंदिर समेत शिवालयों में लोग मास्क लगाए पहुंचे। शारीरिक दूरी रखते हुए पूजा अर्चना की। मान्यता है कि नागपंचमी से त्योहारी सीजन शुरू हो जाता है।

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सर्प के प्रकोप से मुक्ति की हो रही कामना

नाग पंचमी (गुडिय़ा) का पर्व आज यानी शनिवार को है। सनातन धर्मावलंबी यम-नियम से भगवान भोलेनाथ व उनके प्रमुख श्रृंगार नागदेव का पूजन कर रहे हैं। दारागंज स्थित प्रसिद्ध नागवासुकि मंदिर समेत शिव मंदिरों में सर्प का पूजन कर उनके प्रकोप से मुक्ति की कामना की जा रही है। वहीं, कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अखाड़ों में कुश्ती व दंगल का आयोजन इस बार नहीं होगा। वहीं कोरोना संक्रमण के कारण ही मंदिरों में भी अधिक भीड़ नहीं जुट रही है, लोग घरों में भी पूजन-अर्चन कर रहे हैं।

ज्योतिर्विद बोले-पंचमी तिथि दोपहर में 1.53 बजे तक रहेगी

ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि पंचमी तिथि शनिवार को दिन में 1.53 बजे तक रहेगी। पूजन का विशेष मुहूर्त सुबह 5.42 बजे से 8.33 बजे तक है। नाग पंचमी पर व्रत रखकर भगवान शिव व नाग का पूजन करने वाले व्यक्ति को वर्ष भर सर्प के भय से मुक्ति मिल जाती है। नाग पंचमी के साथ हिंदू धर्म के पर्वों की शुरुआत हो जाएगी।

इन नागों की होती है पूजा

पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि नाग पंचमी पर अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक नाग की पूजा करने का विधान है। पूजा के लिए नागदेव का चित्र चौकी के ऊपर रखें। उसमें हल्दी, रोली, अक्षत (चावल) और पुष्प अर्पित करें। नागदेव को कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर अर्पित करें। पूजा के बाद सर्प देवता की आरती उतारकर नाग पंचमी की कथा सुनना अथवा कहना चाहिए।

काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए यह मंत्र जपें

कुंडली में काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए नाग पंचमी पर विशेष पूजा होती है। आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र का जप, पंचाक्षर का जप कराना चाहिए। किसी भी धातु से बने नाग-नागिन के जोड़े का पूजन करके बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए। या जिंदा सर्प को खरीद कर उसकी पूजा करके मुक्त कर दें। ऐसा करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है।

चना, मटर और सेवइयों की हुई तैयारी

घरों में नागपंचमी का पर्व मनाने के लिए पकवान बनाने की तैयारी घरों में शुक्रवार शाम तक हो गई। चने, मटर, दूध वाली सेवइयां, पूड़ी और सब्जी के लिए मेन्यू तैयार हो गए हैं। 


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