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Naerendra Giri Case में सवाल और बयान पर फोकस कर आगे बढ़ रही सीबीआइ

श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में रहने वाले सेवादारों और शिष्यों की सूची तैयार कर सबसे अलग अलग पूछताछ की जा रही है। कौन कितना करीब था इसका भी पता लगाया जा रहा है। किससे महंत नरेंद्र गिरि मन की बात कहते थे इसे भी खंगालने की तैयारी है

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 03:06 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 03:06 PM (IST)
Naerendra Giri Case में सवाल और बयान पर फोकस कर आगे बढ़ रही सीबीआइ
मठ में रहने वाले सेवादारों और शिष्यों से सच सामने लाने की कोशिश है सीबीआइ की

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ)  शनिवार को महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु की जांच शुरू करने के बाद फिलहाल मठ से जुड़े लोगों से सच सामने लाने की कोशिश कर रही है। एक-एक बिंदु को जांच के दायरे में लाया जा रहा है। श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में रहने वाले सेवादारों और शिष्यों की सूची तैयार कर सबसे अलग अलग पूछताछ की जा रही है। कौन कितना करीब था, इसका भी पता लगाया जा रहा है। किससे महंत नरेंद्र गिरि मन की बात कहते थे, इसे भी खंगालने की तैयारी है। सीबीआइ के अफसरों का पूरा अभी मठ पर है।

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मठ में ही छिपा है मृत्यु का रहस्य

शनिवार को श्री मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंची सीबीआइ की टीम के कुछ अफसर यह पता लगाने में जुट गए थे कि मठ में कितने सेवादार और शिष्य हैं। यहां कितने कमरे हैं और कौन-कौन इसमें रहता है। महंत नरेंद्र गिरि का शव जहां फंदे से लटकता मिला, वहां वह नियमित रहते थे या फिर कभी-कभी उसमें आते थे। उनका कमरा कौन सा है, जहां वे आराम करते थे। उनके अगल-बगल के कमरे में कौन रहता था। ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब खंगालने में अफसर जुटे रहे। सेवादारों और शिष्यों की सूची तैयार की जाती रही। हालांकि, उन्हीं से पूछताछ की जाएगी, जिससे अफसर जरूरी समझेंगे। लोगों का मानना है कि मृत्यु का रहस्य मठ में ही छिपा है।

सीबीआइ के सामने क्या चुनौतियां हैं

-महंत नरेंद्र गिरि की मौत को पांच दिन बीत गए हैं। घटनास्थल पर सबूत के नाम पर संभवत: कुछ नहीं है। सीबीआइ के पास सिर्फ मौके से ली गई तस्वीरें व वीडियो ही जांच के लिए सहारा होंगी।

-महंत नरेंद्र गिरि की मौत का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं है। केवल वहीं लोग हैं, जिन्होंने शव को फंदे से उतारा था।

-महंत का शव किस अवस्था में था। उनके पैर कहां पर थे। टेबल कहां थी। इन बातों को समझने के लिए भी सीबीआइ को मशक्कत करनी पड़ेगी।

सीबीआइ के कब्जे में क्या है

-महंत के गले, पंखे और मेज पर रखी रस्सी, सुसाइड नोट, चाकू, मोबाइल फोन।

-मेज पर रखी कैंची, गिलास, पानी की बोतल, सैनिटाइजर।

-पोस्टमार्टम और फोरेंसिंक रिपोर्ट।

-श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के मुख्य द्वार के सामने और कमरे की तरफ लगे सीसीटीवी फुटेज।

-महंत और आरोपितों के मोबाइल की निकाली गई सीडीआर।

-अब तक एसआइटी द्वारा दर्ज किए गए बयानों की कापी।

सीबीआइ के सामने सवाल

-सीबीआइ की जांच का मुख्य आधार पुलिस की एफआइआर पर आधारित होगी। इसमें आत्महत्या के लिए ब्लैकमेलिंग कर उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया था।

-महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु खुदकुशी है या मर्डर? दोनों के पीछे की वजह क्या हो सकती है।

-महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु में आरोपितों की क्या भूमिका थी।

-मठ और मंदिर का विवाद, सुसाइड नोट को लेकर उठाए गए तमाम सवाल।

-पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को परखना और फाेरेंसिक रिपोर्ट से इसका मिलान करना।

-महंत नरेंद्र गिरि के साथ ही आरोपितों व संदेह के घेरे में आए अन्य लोगों की कॉल डिटेल्स की पड़ताल।

-इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों का पता लगाना


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