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प्रयागराज में म्यांमार वायुसेना के जवानों ने देखा आपदा में बचाव का लाइव प्रदर्शन Prayagraj News

मानवीय सहायता और आपदा राहत पर भारत और म्यांमार वायु सेना के बीच अभ्‍यास किया गया। मध्य वायु कमान मुख्यालय बमरौली में तीन दिनी कार्यक्रम का समापन हुआ।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 02:45 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 02:45 PM (IST)
प्रयागराज में म्यांमार वायुसेना के जवानों ने देखा आपदा में बचाव का लाइव प्रदर्शन Prayagraj News
प्रयागराज में म्यांमार वायुसेना के जवानों ने देखा आपदा में बचाव का लाइव प्रदर्शन Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। मानवीय सहायता और आपदा राहत पर भारत और म्यांमार वायु सेना के बीच चल रहा तीन दिवसीय अभ्यास का समापन हो गया। आखिरी दिन भारतीय वायुसेना के जवानों ने आपदा में बचाव का लाइव प्रदर्शन किया। म्यांमार की टीम ने इसे ध्यान से देखा, सीखा और जहां समझ में नहीं आया पूछा भी। शाम को समापन हुआ तो वह अपने देश के लिए रवाना हो गए।

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मध्य वायु कमान मुख्यालय बमरौली में पहली बार ऐसा आयोजन

मध्य वायु कमान मुख्यालय बमरौली में इस तरह के अभ्यास का आयोजन पहली बार हुआ है। तीन दिवसीय अभ्यास के आखिरी दिन भूकंप का सीन क्रिएट किया गया और फिर आपदा में फंसे लोगों को निकालने का अभ्यास। एमआइ-17 हेलीकॉप्टर से आपदाग्रस्त क्षेत्र से फंसे लोगों को निकालने का लाइव प्रदर्शन दिखाया गया। कुछ को मौके पर ही प्राथमिक उपचार देना पड़ता है तो कुछ को सीधे अस्पताल ले जाते हैं। म्यांमार की टीम आनंद भवन, संगम और संग्रहालय भी गई।

बारीकियों से हुए अवगत

ग्रुप कैप्टन उपासनी ने म्यांमार के दल ने जो भी सवाल पूछे, उसका जवाब दिया। इस दौरान सेटेलाइट कम्यूनिकेशन टॉवर लगाकर दिखाया। यह कुछ मिनटों में ऐसी जगह खड़ा कर दिया जाता है, जहां पर आपदा के समय सभी संचार माध्यम ठप हो जाते हैं।

राहत के तरीके किए साझा किए

ग्रुप कैप्टन शिवेंद्र चंद्रा ने बताया कि विपत्ति के बाद मोबाइल और इंटरनेट सेवा मिलने लगती है। इसी तरह भारतीय वायुसेना ने आपदा से जुड़ी कई तकनीकों का प्रदर्शन किया। वहीं म्यांमार की टीम ने अपने देश में आपदा राहत के तरीकों को साझा किया।

जवानों ने किए साहसिक कार्य

एयर कमोडोर सुरेश ने बताया कि बाढ़, भूकंप और आग जैसी आपदा आने पर पहले लोकल प्रशासन सक्रिय होता है। मामला बड़ा होने पर थल व वायुसेना की सहायता लेते हैं। जवानों ने सुनामी, केदारनाथ व नेपाल भूकंप में साहसिक काम किया था।


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