Mustard Oil: बिक्री घटी तो प्रयागराज के कारोबारियों ने कम कर दिया सरसों के तेल का दाम
Mustard Oil इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि सरसों के तेल की कीमत में वृद्धि होने से बिक्री अचानक घट गई है। इसकी वजह से व्यापारियों को रेट में कमी करनी पड़ी।
प्रयागराज, जेएनएन। सरसों के तेल की कीमत में दो दिन पहले अचानक हुई बढ़ोतरी का असर बिक्री पर भी पड़ा है। शुक्रवार को प्रयागराज की थोक मंडी में एकाएक बिक्री घट जाने से कुछ कारोबारियों ने रेट भी गिरा दिए हैं। हालांकि, अन्य खाद्य सामग्रियों की कीमतें फिलहाल स्थिर ही बनी है।
बिक्री में करीब 20 से 25 फीसद की गिरावट दर्ज हुई
बुधवार को दिन में सरसों के तेल की कीमत 2225 रुपये (15 किलो का टीन) हो गई थी। इसकी वजह से बिक्री में करीब 20 से 25 फीसद की गिरावट दर्ज हुई। ग्राहकों की संख्या घटने से व्यापारियों ने थोक रेट में करीब 25 रुपये की कमी कर दी। अगर बिक्री एक-दो दिन इसी तरह और रहे तो व्यापारियों को रेट और ज्यादा कम करना पड़ सकता है।
पिछले कुछ दिनों में रेट पर डालें नजर
सोमवार को सरसों के तेल की कीमत (15 किलो का टीन) 2200 रुपये, रिफाइंड (15 किलो का टीन) 1950 रुपये और पामोलीन (15 किलो का टीन) 1900 रुपये टीन था। मंगलवार से सरसों के तेल की कीमत में वृद्धि होने लगी थी। बुधवार को रेट (15 किलो का टीन) 2225 रुपये तक पहुंच गया था। हालांकि बिक्री घटने से करीब 25 रुपये (15 किलो का टीन) रेट में कमी करनी पड़ी।
फुटकर में सरसों का तेल 140 रुपये प्रति किलो
फुटकर में सरसों का तेल 140 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। पिछले महीने की शुरुआत में सरसों के तेल में (15 किलो का टीन) 60 रुपये, रिफाइंड के दाम में 30 रुपये (15 किलो का टीन) और पामोलीन की कीमत 15 प्रति (15 किलो का टीन) की बढ़ोतरी हुई थी। इसकी वजह से सरसों का तेल 2170 रुपये, रिफाइंड 1940 रुपये और सोयाबीन 1925 रुपये (15 किलो का टीन) हो गया था।
बोले, इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष
अरहर की दाल की थोक कीमत 92-96 रुपये प्रति किलो और फुटकर में 100 रुपये प्रति किलो है। आटा 20 रुपये प्रति किलो, मैदा 21 रुपये प्रति किलो और सूजी 21.50 रुपये प्रति किलो थोक में बिक रही है। फुटकर में आटा 25 रुपये प्रति किलो है। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि सरसों के तेल की कीमत में वृद्धि होने से बिक्री अचानक घट गई है। इसकी वजह से व्यापारियों को रेट में कमी करनी पड़ी।