सरसों तेल, रिफाइंड और पामोलीन के बढ़े थोक दाम, फुटकर रेट में भी आ गई है तेजी
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि खाद्य तेल कंपनियां रेट में फिर से वृद्धि करने लगी है। इसकी वजह से खाद्य तेलों की कीमतों में तीन-चार बार में पांच-छह रुपये किलो अथवा लीटर तक की वृद्धि हो चुकी है।
प्रयागराज, जेएनएन। पिछले महीने खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट हुई थी। हालांकि अब सरसों तेल, रिफाइंड और पामोलीन के रेट में फिर तेजी आने लगी है। पिछले कुछ दिनों में खाद्य तेलों की थोक कीमतों में करीब पांच-छह रुपये प्रति लीटर अथवा किलो की वृद्धि हुई है। थोक रेट बढ़ने से खाद्य तेलों के फुटकर दाम में भी तेजी हुई है। इससे प्रयागराज के आम शहरियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
होली के बाद खाद्य तेलों का बढ़ा था दाम
बता दें कि होली पर्व के बाद से खाद्य तेलों की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई थी। इससे सरसों तेल का थोक रेट करीब 2700 रुपये प्रति 15 किलो टिन हो गया था। वहीं सोयाबीन रिफाइंड का दाम 2400 रुपये 15 लीटर टिन और पामोलीन का रेट 2350 रुपये 15 किलो टिन तक पहुंच गया था। सरसों तेल का फुटकर रेट 175 से 180 रुपये किलो, रिफाइंड का दाम 160 से 165 रुपये लीटर और पामोलीन का दाम भी 150 से 155 रुपये किलो हो गया था।
पिछले माह दाम घटा था
पिछले महीने खाद्य तेलों की कीमतों में करीब तीन से चार सौ रुपये टिन तक की गिरावट हुई थी। इससे सरसों तेल का रेट 2450 रुपये 15 किलो का टिन, रिफाइंड का दाम 2100 और पामोलीन की कीमत 1900 रुपये टिन तक हो गया था। हालांकि अब सरसों तेल का रेट बढ़कर फिर 2550 रुपये किलो, रिफाइंड का दाम चढ़कर 2160 लीटर और पामोलीन की कीमत 1980 रुपये किलो हो गया। इससे फुटकर रेट में भी तेजी होगी।
तेल कंपनियों ने रेट फिर बढ़ाया : सतीश चंद्र
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि खाद्य तेल की कंपनियां रेट में फिर से वृद्धि करने लगी है। इसकी वजह से खाद्य तेलों की कीमतों में तीन-चार बार में पांच-छह रुपये किलो अथवा लीटर तक की वृद्धि हो चुकी है।