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हर दिन 15 घंटे का रोजा रख खुदा की इबादत में मशगूल हैं रोजेदार, कोरोना संक्रमण से इफ्तार पार्टियां बंद

यह आशंका सभी के अंदर बनी रहती है कि कहीं पूरा लॉकडाउन ना लग जाए हालांकि सरकार ने पूरी तरह से बंदी से इंकार किया है तब भी ज्यादातर रोजेदारों ने 15 दिन में तरावीह यानि कुरान मुकम्मल करने का इरादा बनाया है जो 27 दिन में मुकम्मल होती थी।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 06:18 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 06:18 PM (IST)
हर दिन 15 घंटे का रोजा रख खुदा की इबादत में मशगूल हैं रोजेदार, कोरोना संक्रमण से इफ्तार पार्टियां बंद
भोर में 3 बजे तक सहरी कर शाम 6 बजे के बाद नियत वक्त पर इफ्तार कर रोजा खोलते हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। रमजान का पाक महीना शुरू हुए आठ रोज हो रहे हैं। रमजान की तारीख मुकर्रर होने के पहले ही शासन की गाइड लाइन आ गई है कि रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू रहेगा और यह आशंका सभी के अंदर बनी रहती है कि कहीं पूरा लॉकडाउन ना लग जाए हालांकि सरकार ने पूरी तरह से बंदी से इंकार किया है तब भी ज्यादातर रोजेदारों ने 15 दिन में तरावीह यानि कुरान मुकम्मल करने का इरादा बनाया है जो 27 दिन में मुकम्मल होती थी। रमजान एक ऐसा महीना है जिसमें कुराने पाक नाजिल हुई थी इसलिए इसे पाक यानी पवित्र महीने के नाम से जाना जाता है। इस महीने का चाँद देखने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग दूसरे दिन से रोजा रखना शुरू कर देतें है और उसी दिन से तरावीह शुरू हो जाती है।

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उलमाओं की अपील, रोजेदार बरतें एहतियात

रोजेदार खुदा की इबादत मे मशगूल रहने लगते है। दिन भर रोजा रखकर पांच वक्त की नमाज अदा करते है। भोर में 3 बजे तक सहरी कर शाम 6 बजे के बाद नियत वक्त पर इफ्तार कर रोजा खोलते हैं। इस तरह से रोजा करीब 15 घंटे का होता है। रोजा खोलने के बाद मगरिब की नमाज अदा की जाती है फिर तरावीह की नमाज अदा करते हैॆ। पिछली बार तरावीह की नमाज 27 दिन की हुई थी लेकिन इस बार कोरोना महामारी के संक्रमण को देखते हुए मात्र 15 दिन में ही पूरी कुरान मुकम्मल करने का इरादा बनाया गया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुस्लिम उलमाओं ने सभी रोजेदारों से यह अपील की है कि प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों का पालन किया जाय। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। कोरोना संकट की वजह से ही जो तरावीह दो सिपारा पढ़ी जाती थी वही इस बार रोज चार सिपारा पढ़ी जा रही है ताकि 15 दिन में ही पूरी कुरान मुकम्मल कर ली जाए। पूरा दिन रोजा रख कर तरावीह की नमाज़ अदा करना पड़ता है। तरावीह की नमाज सुन्नत मोअक्किदा है और उसका एहतमाम जरूर किया जाना चाहिए।

रमजान में कोरोना गाइड लाइन पर पूरी तरह से अमल 

जनपद के यमुनापार में बारा खास स्थित जामा मस्जिद के पेश इमाम मोहम्मद आफताब आलम का कहना है कि इस पाक महीने में सभी मुसलमान रोजा रखकर मुल्क हिंदुस्तान में अमन औऱ सुकून कायम रखने तथा अपने गुनाहों की मगफिरत की दुआ खुदा से किया करते हैं। उनका कहना है कि रोज रात आठ बजे नाइट कर्फ्यू शुरू होने से पहले नमाजी अपने अपने घर पहुंच जाएं। जामा मस्जिद बारा के सदर हाफिज फिरदौस ने बताया कि रमजान में एहतियात बरतने का नाम ही रोजा है। ऐसे में रोजेदार प्रशासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। खुद को कोरोना संक्रमण से बचाते हुए दूसरों की मदद करें। प्रोटोकाल के तहत इबादत करें। सभी रोजेदार रमजान में कोरोना गाइड लाइन पर पूरी तरह से अमल करेंगे। रमजान में रोजा फर्ज है इसलिए सभी मुसलमान रोजा जरूर रखें और इबादत करें और मुल्क में अमन और चैन की दुआ करें।


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