Move to Jagran APP

संगीत चिकित्सा से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी और स्वस्थ होने की जगी इच्छा, प्रयागराज में कोरोना के 10 मरीजों पर अध्ययन

डा. ऋतु के अनुसार जिन लोगों को संगीत चिकित्सा दी गई उनके मन से बीमारी का डर खत्म हो गया। मन शांत हुआ। नाड़ी भी नियंत्रित हुई। इससे उन्हेंं स्वस्थ होने में मदद मिली। जिन मरीजों को संगीत चिकित्सा दी गई वो कुछ सामान्य प्रकृति की दवाएं ले रहे थे।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 07:00 AM (IST)
संगीत चिकित्सा से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी और स्वस्थ होने की जगी इच्छा, प्रयागराज में कोरोना के 10 मरीजों पर अध्ययन
एक अध्ययन में दावा किया गया है कि शास्त्रीय संगीत से कोरोना से मुक्ति पाई जा सकती है

प्रयागराज, अमलेंदु त्रिपाठी। प्रयागराज में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि शास्त्रीय संगीत से कोरोना से मुक्ति पाई जा सकती है, साथ ही यह थेरेपी पोस्ट कोविड समस्याओं से निपटने में भी कारगर है। कमला आर्य कन्या पीजी कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. ऋतु सिंह ने एक महीने तक 10 कोरोना संक्रमित लोगों पर शास्त्रीय संगीत के अलग-अलग राग के पडऩे वाले प्रभाव का अध्ययन किया। संगीत थेरेपी प्रतिदिन लगातार दो घंटे तक दी गई। इसका असर पांचवें-छठवें दिन के बाद से दिखने लगा।

loksabha election banner

यूं दिखा फायदा

-सभी लोग स्वस्थ हुए, मानसिक शांति बढ़ी।

-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी, स्वस्थ होने की इच्छा जगी।

-चित्त शांत होने से ऑक्सीजन लेवल ठीक रहा।

श्वास की गति को निश्चित और स्थिर बनाते हैं राग और आलाप : डा. ऋतु के अध्ययन में सामने आया कि कोरोना काल में लोगों को गंभीर और आशावादी प्रकृति का संगीत सुनना चाहिए। खासकर राग भैरवी, दरबारी, मधुवंती, विहाग, शिवरंजनी, तोड़ी, पूरिया राग का विशेष लाभ मिलता है। उच्च रक्तचाप की समस्या हो तो वीणा वादन सुनना चाहिए। मसीत खानी गत, रजाखानी गत सुनने से हृदय की धड़कन सामान्य होती है। बुखार की स्थिति में अड़ाना, दरबारी, कांगड़ा राग लाभकारी होता है। इसके अतिरिक्त धीमी गति का वादन भी सुनना फायदेमंद है।

मन से निकला बीमारी का डर : डा. ऋतु के अनुसार जिन लोगों को संगीत चिकित्सा दी गई, उनके मन से बीमारी का डर खत्म हो गया। मन शांत हुआ। नाड़ी भी नियंत्रित हुई। इससे उन्हेंं स्वस्थ होने में मदद मिली। जिन मरीजों को संगीत चिकित्सा दी गई वो कुछ सामान्य प्रकृति की दवाएं भी ले रहे थे। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व संगीत चिकित्सा पर उनके शोधपत्र इंटरनेशनल जर्नल आफ रिसर्च-ग्रंथालय और भातखंडे विश्वविद्यालय के जर्नल अनुसंधान गंगा में प्रकाशित हो चुके हैं।

पोस्ट कोविड की समस्याओं से भी निजात : राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय हंडिया के सेवानिवृत्त प्राचार्य डा. जीएस तोमर के अनुसार सीधे तौर पर कोरोना का इलाज संगीत से संभव नहीं। इसे सुनकर या इसके प्रभाव से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, इसकी मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता जरूर बढ़ेगी। कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद जो समस्याएं लोगों में देखी जा रही हैं, उनमें भी कमी लाई जा सकती हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.