Murder in Prayagraj : सरायममरेज में बुजुर्ग को चचेरे भाई ने पीटकर मार डाला, जानिए क्या थी वजह
सराय ममरेज थाना क्षेत्र के पूरेडीह गाव में मंगलवार की शाम एक बुजुर्ग को उसके चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीटकर मौत के घाट उतार दिया। घटना उस समय हुई जब वह बाग में गिरे चिलबिल के पेड़ की लकड़ी समेट रहा था।
प्रयागराज, जेएनएन। जिले के सराय ममरेज थाना क्षेत्र के पूरेडीह गाव में मंगलवार की शाम एक बुजुर्ग को उसके चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीटकर मौत के घाट उतार दिया। घटना उस समय हुई जब वह बाग में गिरे चिलबिल के पेड़ की लकड़ी समेट रहा था। तभी उनके बीच हिस्सेदारी को लेकर विवाद हुआ। खबर पाकर क्षेत्राधिकारी हंडिया और इंस्पेक्टर पहुंच गए। आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर कई जगह दबिश दी लेकिन सफलता नहीं मिली।
आंधी में गिरे पेड़ की लकड़ी के लिए गहराया विवाद
सराय ममरेज थाना क्षेत्र के पूरेडीह गाव निवासी हृदय नारायण दुबे (60) और उनके चचेरे भाई दयाशकर दुबे व मायाशकर दुबे की गाव स्थित बाग में अलग-अलग हिस्सेदारी थी। इसमें हृदय नारायण के चचेरे भाई दयाशकर व मायाशकर दुबे के बाग में आम का पेड़ कुछ दिन पूर्व आई आधी में गिर गया था। आम की लकड़ी को मायाशकर व दयाशकर ने क्षेत्र के एक भट्ठा संचालक के हाथों बेच दिया था। इसी आम की लकड़ी में ही हृदय नारायण के बाग स्थित चिलबिल के पेड़ की भी कई डालें गिर गई थी मंगलवार शाम को हृदय नारायण ने बाग में पहुंचकर दयाशकर, मयाशकर से कहा कि आम की लकड़ी अपनी बेच लो, लेकिन मेरी चिलबिल की लकड़ी अलग कर दो। लाठी-डंडे के वार से निकली जान इतना सुनते ही मायाशकर व दयाशकर आग बबूला हो गए और अपशब्द कहते हुए उस पर लाठी-डंडा लेकर टूट पड़े। हृदय नारायण की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी होने पर स्वजन मौके पर पहुंचे और उन्हें अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इंस्पेक्टर सरायममरेज का कहना है कि दोनों आरोपितों की तलाश की जा रही है।
पत्नी और बहू रोते-रोते हो गईं बेसुध
हृदय नारायण की हत्या की खबर घर पहुंची तो पत्नी प्रेमा देवी रोते-रोते बेसुध हो गई। बहू वंदना पत्नी वीरेंद्र की भी हालत बिगड़ गई है। उसकी हालत नाजुक देख इंस्पेक्टर भरत कुमार ने उसे पास के एक निजी अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया। ग्रामीणों ने बताया कि ससुर की मौत की खबर सुनते ही बहू अचेत होकर जमीन पर गिर गई थी। हृदय नारायण के तीन बेटे हैं। राजेंद्र व नागेंद्र परिवार समेत इन दिनों बड़ोदरा में रहकर काम करते हैं, जबकि वीरेंद्र पत्नी के साथ गाव में रहता है।