दारोगा और सिपाही समेत आठ लोगों के खिलाफ प्रयागराज में लिखा गया कत्ल का केस
सहसों चौकी के पूर्व इंचार्ज भीष्म नारायण सिंह सिपाही रामऔतार समेत आठ लोगों के विरुद्ध सरायइनायत थाने में हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। अदालत के आदेश पर और वकील आर्शीवाद पांडेय की तहरीर पर एफआइआर लिखी गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। पुलिस का काम कानून व्यवस्था कायम करना और अपराधियों की नकेल कसना है। अपराध न हो और अमन चैन बना रहे इसके लिए पुलिस की व्यवस्था है लेकिन कई बार पुलिसवाले ही कानून को को तोड़ते और अपराध की कारगुजारी कर डालते हैं। ताजा मामले में सहसों चौकी के पूर्व इंचार्ज भीष्म नारायण सिंह, सिपाही रामऔतार समेत आठ लोगों के विरुद्ध सरायइनायत थाने में हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। अदालत के आदेश पर और वकील आर्शीवाद पांडेय की तहरीर पर एफआइआर लिखी गई है।
पुलिसवालों ने मामला रफा-दफा करने का बनाया था दबाव
आलमपुर गांव निवासी आर्शीवाद पांडेय वकालत करते हैं। उनका आरोप है कि 23 अप्रैल 2021 को उनकी कथित मां सूरज देवी ने फोन पर बताया कि तुम्हारे पिता की मौत स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में हो गई है। जब वह कसेरुआ गांव स्थित घर पहुंचे तो वहां पिता का शव देखा और मौत उसे संदिग्ध लगी। तब उनके छोटे भाई अनुज पांडेय ने पुलिस को मौके पर बुला लिया। पुलिस देख कर कथित मां व उनके दो बेटे व रिश्तेदार घबरा गए। थोड़ी देर बाद चौकी इंचार्ज सहसों, सिपाही रामऔतार आ गए। उन्होंने मामले को रफा-दफा करने के लिए दबाव बनाया। मगर अधिवक्ता अपने छोटे भाई के साथ थाने पहुंचे और लिखित शिकायत देना चाहा, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें टरका दिया। थाने से लेकर पुलिस अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। तब उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अब कोर्ट के आदेश पर सूरज देवी पत्नी लक्ष्मीदत्त पांडेय, सत्यवान, शुभम, धर्मेंद्र कुमार, जवाहिर, बोडरी देवी, भीष्म नारायण सिंह और रामऔतार के खिलाफ हत्या, साजिश रचने समेत कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की है।