नगर निगम प्रयागराज ने अपने भवनों पर अवैध कब्जा हटाने का शुरू किया अभियान
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कालोनी में एक मकान को टीम ने खाली करा लिया। दो अन्य कब्जेदारों को चेतावनी दी गई है कि मकान खाली कर दें नहीं तो बेदखल किए जाएंगे। निगम परिसर की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कालोनी में कई मकान अवैध कब्जे में हैं
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। नगर निगम ने अपने परिसर के आवासीय भवनों में अवैध रूप से कब्जा किए बैठे लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कालोनी में एक मकान को टीम ने खाली करा लिया। दो अन्य कब्जेदारों को चेतावनी दी गई है कि मकान खाली कर दें नहीं तो बेदखल किए जाएंगे। निगम परिसर की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कालोनी में कई मकान अवैध कब्जे में हैं। इन्हें खाली कराने के लिए काफी समय से प्रयास चल रहा है लेकिन कार्रवाई लंबित रही। मंगलवार को नगर आयुक्त के निर्देश पर अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने पहुंचकर एक मकान को खाली करा लिया। इससे दूसरे कब्जेदारों में भी खलबली मच गई है। अब ऐसी सभी चिन्हित मकानों को नगर निगम के द्वारा खाली कराने का अभियान चलाया जा रहा है।
संगम क्षेत्र में जब्त की सात किलो पालिथिन
प्रयागराज : पालिथिन मुक्त जिला करने के लिए नगर निगम का अभियान मंगलवार को भी चला। संगम क्षेत्र में नगर निगम की एक टीम ने जाकर कार्रवाई की। ठेलों, स्थाई दुकानों से पालिथिन जब्त किया। इस दौरान सात किलो पालिथिन जब्त कर 1000 रुपये जुर्माना भी किया गया। अभियान जोनल अधिकारी संजय ममगई के नेतृत्व में चला। टीम संगम क्षेत्र में पहुंची और पालिथिन जब्त करना शुरू किया तो वहां अन्य दुकानदारों में खलबली मच गई। कुछ दुकानों पर ही कार्रवाई हो सकी।
मोबाइल टायलेट मिले कबाड़ तो भड़के नगर आयुक्त
प्रयागराज : नगर निगम की कर्मशाला में मोबाइल टायलेट तथा कूड़ा गाड़ियों की स्थिति कबाड़ करने वालों को नगर आयुक्त से कड़ी फटकार लगी है। लीडर रोड कर्मशाला और करैलाबाग में पहुंचे नगर आयुक्त रवि रंजन ने व्यवस्था में सुधार लाने को कहा।
नगर आयुक्त आकस्मिक निरीक्षण के लिए कर्मशाला में पहुंच गए। वहां रखे मोबाइल टायलेट की स्थितियां देखीं तो भड़क गए। कूड़ा गाड़ियां भी कबाड़ की तरह हो गई थीं। इन्हें देखते ही नगर आयुक्त ने संबंधित प्रभारी अधिकारी को डांट लगाई। इसके बाद वे करैलाबाग कर्मशाला पहुंचे वहां भी वैसी ही स्थिति मिली। नगर आयुक्त ने कहा कि इन वाहनों की देखरेख करने वाली एजेंसी को दी जाने वाली धनराशि में कटौती की जाएगी।