प्रयागराज का काल्विन अस्पताल, यहां MRI और सीटी स्कैनिंग मशीन ही नहीं है, मरीज परेशान
प्रयागराज की पुरानी आबादी में स्थित मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल यानी काल्विन बड़ी जनसंख्या के बीच स्थित है। अस्पताल में आधुनिक जांच मशीनें एमआरआइ व सीटी स्कैनिंग की सुविधा न होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डाक्टरों को भी इलाज करने में दिक्कत होती है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज का मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय यानी काल्विन अस्पताल पुराने शहर की बहुत बड़ी आबादी को कवर करता है। अनुमानित तौर पर करीब चार हजार लोग इस अस्पताल में इलाज कराने प्रतिदिन आते हैं। इसके बावजूद इस अस्पताल में जरूरतमंदों की एमआरआइ और सीटी स्कैनिंग की सुविधा नहीं है। वजह है कि इस अस्पताल में यह दोनों जांच मशीनें हैं ही नहीं, जबकि अनेक मरीजों काे डाक्टर इस जांच के लिए लिखते हैं।
आठ लाख की आबादी से घिरे काल्विन अस्पताल का यह हाल
काल्विल अस्पताल शहर की आठ लाख की आबादी के बीच स्थित है। हालांकि लिखापढ़ी में इसका आउटकम 15 लाख जनसंख्या का है। इसमें करीब सात लाख की जनसंख्या को बेली अस्पताल और एसआरएन अस्पताल भी कवर करते हैं। इस बड़ी जनसंख्या के बीच अस्पताल में अगर आधुनिक जांच मशीनें न हों तो इसे आसानी से समझा जा सकता है कि काल्विन में डाक्टरों और मरीजों को किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता होगा। इन टेस्टों की बदौलत वर्तमान में लगभग सभी डाक्टर किसी के मर्ज का जल्दी पता लगा लेते हैं।
कर्मचारी नेता बोले- अस्पताल को है मशीनों की दरकार
काल्विन अस्पताल में तैनात कर्मचारी नेता भरत राय कहते हैं कि सभी सुविधाएं तो हैं। इस अस्पताल में होने वाले इलाज पर लाखों लोगों को भरोसा भी है लेकिन यहां एमआरआइ और सीटी स्कैनिंग मशीनें सरकार नहीं दे रही है। वजह पता नहीं लेकिन इन मशीनों के न होने से डाक्टरों को किसी का मर्ज जानने में दिक्कत होती है। अक्सर मरीजों को एमआरआइ और सीटी स्कैन कराने के लिए उनके पर्चे पर लिखने की मजबूरी होती है फिर हजारों रुपये देकर लोग निजी पैथालाजी में यह जांचें कराते हैं।
काल्विन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने कहा
पुराने शहर में रहने वाले अधिकांश लोग निम्न और मध्यम आय वर्ग के हैं। काल्विन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. इंदु कनौजिया कहती हैं कि लोग सरकारी अस्पताल में इसीलिए आते हैं क्योकि वे निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराने में समर्थ नहींं होते। ऐसे में शासन से अपेक्षा है कि वर्तमान जरूरतों का ख्याल करते हुए इस अस्पताल को भी दूसरे बड़े अस्पतालों की तरह एमआरआइ और सीटी स्कैनिंग मशीनें उपलब्ध कराए।