सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने ट्वीट किया, कहा-राष्ट्रभाषा हिंदी को राष्ट्र की अस्मिता से जोड़ें
सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने पिछले दिनों प्रयागराज प्रवास पर हिंदी के संदर्भ में कहा कि आम जनमानस जब तक इससे नहीं जुड़ेगा तब तक हिंदी का विकास संभव नहीं। इसे लेकर उत्साहित होना पड़ेगा। यह सिर्फ भाषा नहीं है। इसमें हमारे देश के संस्कार और संस्कृति भी समाहित है।
प्रयागराज, जेएनएन। संसदीय राजभाषा समिति ने मुंबई के केंद्र सरकार के स्थानीय कार्यालय सीबीएफसी, फिल्म डिवीजन, एनएफडीसी, एफटीआइआइ, सीएफएसआइ, दूरदर्शन केंद्र कार्यालयों में संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए हिंदी के प्रयोग में की गई प्रगति की समीक्षा की। इस दल में इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र की सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी भी शामिल रहीं।
लिखा-ऐसा वातावरण बने कि जन सामान्य खुद ब खुद इससे जुड़ जाए
प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने ट्वीट कर बताया कि संसदीय राजभाषा समिति ने महाराष्ट्र राज्य के नेता प्रतिपक्ष से भी भेंट की। इस दौरान समिति ने राजभाषा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हिंदी को जन सामान्य से जोड़ें। इसे मजबूरी की भाषा न बनाएं बल्कि इसके साथ अपने सम्मान और गौरव को जोड़े। इससे राष्ट्र के अस्मिता की भाषा बनाएं। ऐसा वातावरण बने कि जन सामान्य खुद ब खुद इससे जुड़ जाए।
सांसद ने कहा-हिंदी सिर्फ भाषा नहीं भारतीय संस्कार की भी द्योतक
सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने पिछले दिनों प्रयागराज प्रवास पर हिंदी के संदर्भ में कहा कि आम जनमानस जब तक इससे नहीं जुड़ेगा तब तक हिंदी का विकास संभव नहीं। इसे लेकर उत्साहित होना पड़ेगा। यह सिर्फ भाषा नहीं है। इसमें हमारे देश के संस्कार और संस्कृति भी समाहित है। यदि हम देश के साथ ही दुनिया में भी इसकी जड़ों को मजबूत बनाएंगे तो देश के विचारों को प्रसारित करने में सफल होंगे। अंग्रेजी, फ्रेंच, डच, जर्मन सहित अन्य भाषाएं अधिक प्रचारित प्रसारित हो रही हैं, हिंदी के लिए भी सक्रियता बनाए रखेंगे तो भाषा विस्तार जरूर होगा। स्वामी विवेका नंद ने शिकागो में हिंदुत्व की धर्म ध्वजा फहराई थी। अब हिंदी की ध्वजा को लहराने का समय है।