इसरो और ट्रिपलआइटी के बीच नया आयाम तय करेगा एमओयू Prayagraj News
इसराे व ट्रिपल आइटी के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर दोनों तरफ के सक्षम अधिकारियों ने किया। अकादमिक ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए समझौता किया गया है।
By Edited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 08:08 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 03:15 PM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अकादमिक ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए नया पहल किया। दोनों संस्थान शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अगले पांच वर्ष तक मिलकर कार्य करेंगे।
ट्रिपलआइटी के खाते में बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई
झलवा परिसर में समझौता पत्र (एमओयू) पर इसरो मुख्यालय बेंगलुरु के क्षमता निर्माण कार्यक्रम निदेशक डॉ. पीवी वेंकटकृष्णा और ट्रिपलआइटी के निदेशक प्रो. पी नागभूषण ने हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही ट्रिपलआइटी के खाते में बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई।
गुणवत्तापूर्ण शोध की आवश्यकता : डॉ. वेंकटकृष्णा
संक्षिप्त समारोह में डॉ. वेंकटकृष्णा ने कहा कि बेरोजगारी, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए गुणवत्तापूर्ण शोध की आवश्यकता है। इसलिए शैक्षणिक संस्थानों में शोध का दृष्टिकोण विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चंद्रयान -2 के सफल प्रक्षेपण से विश्व में एक बार फिर अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय मेधा ने अपनी क्षमता साबित की है। डॉ. वेंकटकृष्णा ने उम्मीद जताई कि ट्रिपलआइटी और इसरो का एमओयू नया आयाम तय करेगा। यह उत्तरी भारत के राज्यों में अनुसंधान और क्षमता निर्माण प्रक्रिया बढ़ाने में सहायक होगा।
एमओयू ट्रिपलआइटी के लिए मील का पत्थर : प्रो. पी. नागभूषण
ट्रिपलआइटी के निदेशक प्रो. पी. नागभूषण ने देश में सकल योग्यता सूचकाक (जीक्यूआइ) बढ़ाने पर जोर दिया। उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार नए भारत के निर्माण के लिए इस दिशा में ध्यान देगी। एमओयू को उन्होंने ट्रिपलआइटी के लिए मील का पत्थर बताया। कहा कि एमओयू संकाय सदस्यों को इसरो वैज्ञानिकों के साथ मिलकर अनुसंधान गतिविधियों को शुरू करने का अवसर प्रदान करेगा।
समझौते के तहत प्रोफेशनल्स प्रोग्राम की सुविधा मिलेगी
समझौते के तहत ट्रिपलआइटी की तरफ से इसरो में कार्यरत पेशेवरों के लिए पीएचडी, एमटेक, एमबीए फॉर प्रोफेशनल्स प्रोग्राम की सुविधा मिलेगी। संस्थान के कार्यकारी कुलसचिव प्रो. शिशु वर्मा ने समझौते का महत्व बताया। कहा कि दोनों संस्थानों के शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, तकनीकी कर्मचारियों, विद्वानों और छात्रों का कौशल बढ़ाने के लिए संयुक्त कार्यशालाएं, सम्मेलन और पेशेवर विकास कार्यक्रम होंगे। डीन प्रो. शेखर वर्मा ने संस्थान की उपलब्धि बताई। इस दौरान क्षमता निर्माण कार्यक्रम के सहायक निदेशक डॉ. जयप्रकाश वी थॉमस भी उपस्थित थे। प्रो. तपोव्रत लाहिड़ी ने धन्यवाद जताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विजयश्री तिवारी ने किया।
ट्रिपलआइटी के खाते में बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई
झलवा परिसर में समझौता पत्र (एमओयू) पर इसरो मुख्यालय बेंगलुरु के क्षमता निर्माण कार्यक्रम निदेशक डॉ. पीवी वेंकटकृष्णा और ट्रिपलआइटी के निदेशक प्रो. पी नागभूषण ने हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही ट्रिपलआइटी के खाते में बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई।
गुणवत्तापूर्ण शोध की आवश्यकता : डॉ. वेंकटकृष्णा
संक्षिप्त समारोह में डॉ. वेंकटकृष्णा ने कहा कि बेरोजगारी, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए गुणवत्तापूर्ण शोध की आवश्यकता है। इसलिए शैक्षणिक संस्थानों में शोध का दृष्टिकोण विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चंद्रयान -2 के सफल प्रक्षेपण से विश्व में एक बार फिर अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय मेधा ने अपनी क्षमता साबित की है। डॉ. वेंकटकृष्णा ने उम्मीद जताई कि ट्रिपलआइटी और इसरो का एमओयू नया आयाम तय करेगा। यह उत्तरी भारत के राज्यों में अनुसंधान और क्षमता निर्माण प्रक्रिया बढ़ाने में सहायक होगा।
एमओयू ट्रिपलआइटी के लिए मील का पत्थर : प्रो. पी. नागभूषण
ट्रिपलआइटी के निदेशक प्रो. पी. नागभूषण ने देश में सकल योग्यता सूचकाक (जीक्यूआइ) बढ़ाने पर जोर दिया। उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार नए भारत के निर्माण के लिए इस दिशा में ध्यान देगी। एमओयू को उन्होंने ट्रिपलआइटी के लिए मील का पत्थर बताया। कहा कि एमओयू संकाय सदस्यों को इसरो वैज्ञानिकों के साथ मिलकर अनुसंधान गतिविधियों को शुरू करने का अवसर प्रदान करेगा।
समझौते के तहत प्रोफेशनल्स प्रोग्राम की सुविधा मिलेगी
समझौते के तहत ट्रिपलआइटी की तरफ से इसरो में कार्यरत पेशेवरों के लिए पीएचडी, एमटेक, एमबीए फॉर प्रोफेशनल्स प्रोग्राम की सुविधा मिलेगी। संस्थान के कार्यकारी कुलसचिव प्रो. शिशु वर्मा ने समझौते का महत्व बताया। कहा कि दोनों संस्थानों के शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, तकनीकी कर्मचारियों, विद्वानों और छात्रों का कौशल बढ़ाने के लिए संयुक्त कार्यशालाएं, सम्मेलन और पेशेवर विकास कार्यक्रम होंगे। डीन प्रो. शेखर वर्मा ने संस्थान की उपलब्धि बताई। इस दौरान क्षमता निर्माण कार्यक्रम के सहायक निदेशक डॉ. जयप्रकाश वी थॉमस भी उपस्थित थे। प्रो. तपोव्रत लाहिड़ी ने धन्यवाद जताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विजयश्री तिवारी ने किया।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें