नवरात्र के पहले दिन पूजी गईं मां शैलपुत्री
शनिवार को नवरात्र के पहले दिन क्षेत्र के देवी मंदिरों और पूजा पंडालों में मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। करछना समेत कौवा पचदेवरा डीहा बसही घटवा गधियांव बरदहा बेदौ सहित कई प्रमुख बाजारों मे पंडालों में विधि विधान से पूजन किया गया। कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए भक्तों ने मां को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया।
संसू, करछना : शनिवार को नवरात्र के पहले दिन क्षेत्र के देवी मंदिरों और पूजा पंडालों में मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। करछना समेत कौवा, पचदेवरा, डीहा, बसही घटवा, गधियांव बरदहा बेदौ सहित कई प्रमुख बाजारों मे पंडालों में विधि विधान से पूजन किया गया। कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए भक्तों ने मां को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। क्षेत्र के मनुघाट मनैया और डीहा में भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाकर मा की आराधना में भक्त जुटे रहे। थाना प्रभारी ने सभी आयोजकों से शासन के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने की अपील की।
दुर्गा प्रतिमा की स्थापना न होने से ग्रामीण मायूस
लेड़ियारी : लेड़ियारी बाजार सहित आसपास के गांवों मे दर्जनों स्थानों पर दुर्गा मूíत की स्थापना न होने से ग्रामीणों में मायूसी है। हर वर्ष की तरह जहंा चहल-पहल रहा करती थी आज वहां कोरोना का भय सब पर हावी दिख रहा है।
बतादें कि लेड़ियारी बाजार में कई वर्षों से पाच जगहों पर मा दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती थी। नौ दिन देर रात तक लोग कीर्तन, भजन, दुर्गा पूजा आदि कार्यक्रम होते रहते थे। वहीं मूíत की सजावट के लिए होड़ लगी रहती थी।
इस वर्ष भी सड़क से 100 मीटर दूरी मे लोग दुर्गा जी की प्रतिमा रखने के लिए साफ-सफाई पंडाल लगा रखे थे, लेकिन इजाजत न मिलने के कारण मूर्ति स्थापना नहीं हो सकी।
मूíत कलाकार राम देव सिंह कुशवाहा ने बताया कि दुर्गा जी की 25 प्रतिमाएं लाखों रुपये की लागत से तैयार किया था। लेकिन मूर्ति स्थापना की इजाजत न मिलने के कारण सब धरी की धरी रह गई। कर्ज लेकर सजावट की सामग्री खरीदकर लगाया था। लेकिन मूíत के न जाने से कर्ज का भरपाई कैसे करेंगे समझ में नहीं आ रहा है।