...तो इस कारण 800 से अधिक सफाई कर्मियों की सेवा होगी समाप्त Prayagraj News
शिकायत पर जांच में पता चला कि गांवों में तैनात सैकड़ों सफाई कर्मी खुद नहीं बल्कि मजदूरों से कभी-कभी गांवों में सफाई करा देते हैं और उन्हें कुछ पैसे दे देते हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। गांवों में सफाई कार्य में लापरवाही बरतने वाले लगभग आठ सौ सफाई कर्मियों की सेवा समाप्ति होगी। इसके लिए उन्हें नोटिस भेजा गया है। ये नोटिस जांच कराने के बाद सफाई कर्मियों को भेजा गया है। जिले के 1637 गांवों में लगभग साढ़े तीन हजार सफाई कर्मी तैनात हैं। इनमें ज्यादातर की शिकायत है कि वे सफाई कार्य में लापरवाही करते हैं।
शिकायत अफसरों तक पहुंची है
एक हजार से ज्यादा सफाई कर्मियों की लिखित शिकायत अफसरों तक पहुंची है। इस पर जांच कराई गई तो चौंकाने वाले नतीजे आए। पता चला कि सैकड़ों सफाई कर्मी खुद नहीं बल्कि मजदूरों से कभी-कभी गांवों में सफाई करा देते हैं और उन्हें कुछ पैसे दे देते हैं। वह भी रोज सफाई नहीं कराते हैं, हफ्ते में एक या दो दिन ही मजदूरों से सफाई कराई जाती है। इसके अलावा कई सफाई कर्मी तो इतने लापरवाह हैं कि वे कभी सफाई करने जाते ही नहीं हैं। वे विभाग में सेटिंग कर अपना वेतन ले लेते हैं।
कई तो किसी निजी स्कूलों में अध्यापक तो कुछ अपना धंधा कर रहे
बताते हैं कि इनमें ज्यादातर स्नातक और परास्नातक हैं। कई तो एमए, एमएसी व एमकॉम के बाद एलएलबी, बीएड और बीटेक की डिग्री भी लिए हैं। कई तो किसी निजी विद्यालय में पढ़ाते हैं तो कुछ अपना धंधा कर रहे हैं। कोई शहर में रहता है और अपना काम कर रहा है तो कोई दूसरी प्राइवेट नौकरी कर रहा है। इन सफाई कर्मियों को नोटिस भेजा गया है। उनसे जवाब तलब किया गया है कि जब वे काम नहीं करते हैं तो क्यों न उनकी सेवा समाप्त कर दी जाए। वैसे पिछले तीन माह के दौरान दो दर्जन से ज्यादा सफाई कर्मी निलंबित किए जा चुके हैं। इसके अलावा बेहद लापरवाह आठ सफाई कर्मियों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। डीपीआरओ रेनू श्रीवास्तव का कहना है कि गांवों में तैनात सफाई कर्मियों के काम की जांच कराई गई है। काम न करने वाले सफाई कर्मियों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई होगी। उन्हें नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया है। उनकी सेवा समाप्त कराई जाएगी।