UPPSC RO/ARO 2016 : 63 प्रतिशत से अधिक अभ्यर्थियों ने छोड़ी आरओ-एआरओ प्री परीक्षा
UPPSC RO/ARO 2016 उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्री) परीक्षा-2016 को लेकर अभ्यर्थियों में उत्साह कम रहा।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की आरओ/एआरओ यानी समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्री) परीक्षा-2016 को लेकर अभ्यर्थियों में उत्साह कम रहा। उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में 823 केंद्रों पर दो पालियों में परीक्षा आयोजित हुई। इसमें 63 प्रतिशत से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल नहीं हुए। इसमें 3,85,122 अभ्यर्थियों का पंजीकरण था लेकिन, 1,40,353 परीक्षा में शामिल हुए। प्रथम पाली में 1,40,337 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। जबकि द्वितीय पाली में 1,39,694 उपस्थिति रही। वहीं, प्रयागराज में 60 प्रतिशत से अधिक की उपस्थिति रही।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आरओ/एआरओ-2016 के तहत 361 पदों की भर्ती निकाली है। रविवार को प्रथम पाली में सुबह 9.30 से 11.30 सामान्य अध्ययन और द्वितीय पाली में दोपहर 2.30 से 3.30 बजे तक सामान्य हिंदी का पेपर हुआ। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर थर्मल स्कैनिंग व सेनिटाइजेशन करके अभ्यर्थियों को प्रवेश दिलाया गया। हर केंद्र पर परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न हुई। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि आरओ-एआरओ (प्री) परीक्षा-2016 शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। पेपर लीक व केंद्र पर हंगामा की घटना कहीं नहीं हुई।
काला कपड़ा पहनकर दी परीक्षा : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा से पहले आरओ/एआरओ-2016 में माइनस मार्किंग व्यवस्था लागू कर दी, जबकि विज्ञापन में इसका जिक्र नहीं था। अभ्यर्थी इसका विरोध दर्ज कराने के लिए काली पैंट, शर्ट, टी-शर्ट, सलवार सूट व मास्क लगाकर परीक्षा में शामिल हुए।
दोबारा कराई गई प्रारंभिक परीक्षा : आरओ/एआरओ-2016 की प्रारंभिक रविवार को दोबारा कराई गई है। इसके पहले 27 नवंबर 2016 को दो पाली में 31 जिलों के 827 केंद्रों पर परीक्षा कराई गई थी। परीक्षा के दौरान पेपर वाट्सएप पर वायरल हो गया। आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ में दोनों प्रश्नपत्रों के आउट होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीबीसीआइडी ने जांच पूरी करके 29 सितंबर 2018 को विशेष न्यायाधीश सीबीसीआइडी के समक्ष अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। लेकिन, वादी अमिताभ ठाकुर रिपोर्ट पर संतुष्ट नहीं हुए। विशेष न्यायाधीश सीबीसीआइडी ने एक जनवरी 2020 को सीबीसीआइडी की अंतिम रिपोर्ट को निरस्त कर दिया था। प्रकरण की जांच दोबारा कराने का आदेश दिया। इसकी जांच के लिए आयोग ने दो सदस्यीय जांच समिति की संस्तुति कर दिया। वहीं, आयोग ने परीक्षा निरस्त करके पुनर्परीक्षा का निर्णय लिया।