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एक सीध में आए चंद्रमा, बृहस्पति और शनि, जानें खगोलीय बदलाव से ओमिक्रोन पर क्‍या होगा असर

ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार चंद्रमा मन का कारक है। बृहस्पति ज्ञान और शनि कष्ट का कारक है। तीनों के एक सीध में आने का अर्थ यह है कि जातक में ज्ञान और वैराग्य एक साथ पनपेगा। जो कष्टमुक्ति का माध्यम बनेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 10 Dec 2021 07:53 AM (IST)Updated: Fri, 10 Dec 2021 07:53 AM (IST)
एक सीध में आए चंद्रमा, बृहस्पति और शनि, जानें खगोलीय बदलाव से ओमिक्रोन पर क्‍या होगा असर
खगोलीय बदलाव का नजारा 10 दिनों तक रात में देखा जा सकता है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। खगोल विज्ञानियों के लिए गुरुवार की शाम एक रोचक घटनाक्रम देखने को मिला। रात करीब आठ बजे चंद्रमा, बृहस्पति और शनि एक सीध में आ गए। शुक्र ग्रह भी इनके करीब नजर आया। यह घटना लंबे अंतराल के बाद देखने को मिली। आनंद भवन स्थित तारामंडल के निदेशक डाक्टर वाई रवि किरन ने बताया कि अगले 10 दिनों तक यह स्थिति बनी रहेगी। रात करीब आठ बजे इन ग्रहों को देखा जा सकता है।

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बादल नहीं छाए तो खुली आंखों से देख सकेंगे नजारा

अगले कुछ दिनों में चंद्रमा अपने कक्ष में घूमता हुआ धीरे-धीरे इन ग्रहों से दूर होगा। एक सीध में ग्रह आमतौर पर बहुत कम देखे जाते हैं। पृथ्वी के कुछ निकट आने की वजह से शुक्र अधिक चमकदार दिखाई पड़ा। इसे पश्चिम दिशा में देखा जा रहा है। डाक्टर किरन ने बताया कि यदि आसमान में बादल नहीं छाए रहे तो इसे कहीं से भी खुली आंखों से देखा जा सकेगा। इसके लिए दूरबीन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

जनवरी और फरवरी में प्रभावी नहीं होगा ओमिक्रोन

ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार चंद्रमा मन का कारक है। बृहस्पति ज्ञान और शनि कष्ट का कारक है। तीनों के एक सीध में आने का अर्थ यह है कि जातक में ज्ञान और वैराग्य एक साथ पनपेगा। जो कष्टमुक्ति का माध्यम बनेगा। राष्ट्रीय परिदृश्य में यदि कहें तो ग्रहों की चाल के अनुसार ओमिक्रोन भारत में जनवरी और फरवरी में प्रभावी नहीं होगा। शुक्र सुख और ऐश्वर्य का कारक होता है। इसके प्रभाव से देश की आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़ होगी।

कर्क, वृश्चिक, मीन राशि के जातकों को कष्ट

ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार मेष, मिथुन, सिंह, तुला और मकर राशि के जातकों के लिए यह ग्रहीय स्थिति सुखद है। जबकि, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों पर कष्ट प्रभावी रहेगा। वृश्चिक, कन्या, धनु और कुंभ राशि वाले जातकों पर मिश्रित प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार बुधवार 3:53 बजे से चंद्रमा कुंभ राशि में प्रवेश कर चुका है। कल यानी शुक्रवार की रात 9:13 बजे इसी राशि में रहेगा। इस बीच जितने भी बच्चों का जन्म होगा वह सभी कुंभ राशि के होंगे।


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