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MNNIT में दीक्षा समारोह शुरू, मेधावी छात्रों को 57 गोल्ड मेडल और दी जाएगी 1464 डिग्रियां

प्रो. राजीव त्रिपाठी ने बताया कि संस्थान के इस 18वें दीक्षा समारोह में कुल 1464 डिग्रियां प्रदान की जाएंगी। इसमें 860 बीटेक 367 एमटेक 85 एमसीए 35 एमबीए 18 एमएससी और 99 पीएचडी स्कॉलर्स को डिग्री प्रदान की जा रही हैं

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 09:56 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 09:56 AM (IST)
MNNIT में दीक्षा समारोह शुरू, मेधावी छात्रों को 57 गोल्ड मेडल और दी जाएगी 1464 डिग्रियां
वर्चुअल समारोह में 57 स्वर्ण पदक का अलावा 1464 को दी जाएगी डिग्री

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) का 18वां दीक्षा समारोह आज यानी मंगलवार को वर्चुअल मोड में सरस्वती वंदना के साथ 10.30 बजे शुरू हुआ। समारोह में बीटेक के सभी नौ ब्रांचों में सर्वोच्च अंक हासिल करने वाले कानपुर के पी रोड निवासी सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच के अक्षत जैन को प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट स्वर्ण पदक समेत छह स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा समारोह में कुल 57 स्वर्ण पदक प्रदान और 1464 मेधावियों को डिग्रियां प्रदान की जानी है। यह जानकारी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राजीव त्रिपाठी ने सोमवार को वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में दी थी।

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इस समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डाक्टर सुभाष सरकार हैं। प्रो. राजीव त्रिपाठी ने बताया कि संस्थान के 18वें दीक्षा समारोह में कुल 1464 डिग्रियां प्रदान की जा रही हैं। इसमें 860 बीटेक, 367 एमटेक, 85 एमसीए, 35 एमबीए, 18 एमएससी और 99 पीएचडी स्कॉलर्स को डिग्री प्रदान की जाएंगी। दीक्षांत समारोह के दौरान 61 विदेशी छात्रों को भी डिग्री प्रदान की जानी हैं। इस अवसर पर कुल 57 गोल्ड मेडल प्रदान किए जाएंगे। इनमें 32 स्वर्ण पदक स्नातकोत्तर छात्रों को और 13 स्वर्ण पदक स्नातक छात्रों को दिए जाएंगे। इन स्वर्ण पदकों के अलावा 12 छात्रों को दानदाता स्वर्ण पदक से नवाजा जाएगा।

डाक से भेजी जाएगी डिग्री

कोरोना के चलते मेधावियों को इस बार डाक से डिग्रियां भेजी जाएंगी। कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के कारण इस बार भी फिजिकल मोड में दीक्षा समारोह नहीं आयोजित किया जा रहा है। पिछले साल भी वर्चुअल मोड में दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया है। वर्चुअल मोर्ड में पत्रकारों से वार्ता करते हुए निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने बताया कि दीक्षांत समारोह- 2021 आभासी मोड में सुबह 10 बजे आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रशासकीय परिषद एवं संस्थान के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी करेंगे। कार्यक्रम में डीन (शैक्षणिक) प्रो. आरके सिंह, सीनेट सदस्य और कुलसचिव डॉ. सर्वेश तिवारी भी शामिल होंगे।

अक्षत जैन को मिलेगा पांच स्वर्ण पदक

सिविल इंजीनियरिंग शाखा के अक्षत जैन को बीटेक अंतिम वर्ष 2021 बैच उत्तीर्ण करने वाले समस्त छात्रों में सर्वश्रेष्ठ छात्र के रूप में समग्र स्वर्ण पदक (इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल) से सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर उन्हें पांच स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा। वर्षवार स्वर्ण पदक की श्रेणी में बीटेक तृतीय वर्ष के आर्यन मित्तल (सीएसई), बीटेक द्वितीय वर्ष के शुभम दीक्षित (सीएसई) और बीटेक प्रथम वर्ष की अमीषा सिन्हा (ईसीई) को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा।

67 फीसद छात्रों का अब तक हो चुका है प्लेसमेंट

प्रो. राजीव त्रिपाठी ने बताया कि अभी तक 67 फीसद से अधिक बीटेक छात्र, 57 फीसद एमसीए छात्र और 19 फीसद एमटेक छात्रों को अब तक 158 से अधिक कंपनियों ने प्लेसमेंट दिया है। सर्वाधिक पैकेज 57 लाख रुपये वार्षिक है। औसत पैकेज 16 लाख रुपये प्रति छात्र रहा है।

अटल रैंकिंग में मिला 10वां स्थान

संस्थान ने हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अटल रैंकिंग में 10वां स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा, संस्थानों की इनोवेशन काउंसिल ने एमएनएनआईटी इलाहाबाद को शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (एमआईसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा चार 4 स्टार रेटिंग से सम्मानित किया है। यह किसी भी संस्थान / विश्वविद्यालय को प्रदान की जाने वाली सर्वश्रेष्ठ रेटिंग है।

-- बोले मेधावी --

अक्षत जैन

मूलतः कानपुर के पी रोड के रहने वाले हैं। पिता राजेश जैन बिजनेसमैन और मां रेनू जैन गृहिणी हैं। अक्षत वर्तमान में मध्यप्रदेश में एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं। वह नामी इंजीनियर बनना चाहते हैं।

आर्यन मित्तल

मेरठ के गांधीनगर के रहने वाले हैं। पिता दीपक मित्तल बिजनेसमैन और मां बबिता मित्तल गृहिणी हैं। मई में वह एक साफ्टवेयर कंपनी से जुड़कर काम शुरू करेंगे।

शुभम दीक्षित

कानपुर के डिप्टी पड़ाव के रहने वाले शुभम के पिता सुनील दीक्षित बिजनेसमैन और मां नीलम दीक्षित गृहिणी हैं। शुभम अभी पढ़ाई कर रहे हैं। भविष्य में वह इंजीनियर बनना चाहते हैं।

अमीषा सिन्हा

मुम्बई के बोरीवली की रहने वाली हैं। पिता मनोज सिन्हा बैंक में कार्यरत हैं और मां अनीता सिन्हा गृहिणी हैं। अमीषा फिलहाल बड़ा साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती हैं।


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