एमएलएन मेडिकल कॉलेज हास्टल बाहर से चमक रहा पर अंद
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के हास्टल में इन दिनों नवप्रवेशी छात्रों की फजीहत है। बाहर से तो हास्टल चमक रहा है लेकिन अंदर परिसर में जगह-जगह गंदगी फैली है। सफाई कर्मी भी लापरवाह है। शिकायत के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : जो डॉक्टर मरीजों को सफाई की नसीहत देते हैं वही पढ़ाई के दौरान कितनी गंदगी में रहते हैं। एमएलएन हॉस्टल परिसर में जगह-जगह गंदगी ही दिखाई देती है, न तो यहां कभी सफाई होती है न ही सफाईकर्मी आता है। छात्रों की शिकायत के बाद इसमें कुछ सुधार नहीं हो सका।
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में पिछले माह नवप्रवेशी छात्रों के साथ रैगिंग का मामला सामने आया तो शासन प्रशासन तक खलबली मच गई। यहां रैगिंग के साथ-साथ छात्रों के साथ और भी उत्पीडऩ हो रहा है। मेडिकल कॉलेज कैंपस में स्थित ब्वॉयज हॉस्टल बाहर से तो चमक रहा है लेकिन अंदर उतना ही अंदर गंदा है। कमरे से लेकर बाथरूम व मेस में भी गंदगी रहती है। यहां सफाई करने वाला कोई नहीं है।
गर्ल्स हॉस्टल में भी है समस्याएं :
मेडिकल कॉलेज के गल्र्स हॉस्टल में भी समस्याओं का अंबार है। छात्राएं अपने कॅरियर को ध्यान में रखते हुए इसके खिलाफ आवाज उठाने से बच रही हैं। नाम न छापने की शर्त पर कुछ छात्राओं ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या यहां रहने की है। कई छात्राओं काे कमरा अभी तक नहीं मिला है। टॉयलेट में सफाई नहीं होती है। मेस की स्थिति खराब है, ऐसे में ब्वॉयज हॉस्टल के मेस से खाना मंगाना पड़ता है।
जांच कमेटी के सामने भी की थी शिकायत :
पिछले दिनों शासन की जांच कमेटी रैगिंग मामले की जांच करने कॉलेज में आई थी। बंद कमरे में हुई पूछताछ के दौरान नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं ने सफाई न होने की शिकायत भी की थी। इस पर जांच टीम ने कॉलेज प्रशासन के जिम्मेदारों को सफाई व सुरक्षा बेहतर किए जाने की बात कही थी। इसके बाद भी अभी स्थिति वही है।
'सफाईकर्मी लगाए गए हैं। सफाई व्यवस्था ठीक है। छात्रों की समस्या का समाधान किया जा रहा है।
- डॉ. संतोष कुमार, वार्डेन, छात्रावास मेडिकल कॉलेज