वीवीआइपी ट्रेन राजधानी में महिला और किशोरी से छेड़खानी Prayagraj News
एस्कार्ट यात्रियों से उनका फीडबैक लेकर इसकी रिपोर्ट भी बनाकर देती है। इतना इंतजाम होने के बावजूद ट्रेनों में चोरी और छेड़खानी की घटाएं हो रही हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। रेलवे ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की बेहतर सुरक्षा करने का दावा रेलवे करता है। ट्रेनों में आरपीएफ और जीआरपी की एस्कार्ट लगातार गश्त भी करती है। इसके बावजूद ट्रेनों में महिला यात्रियों से छेड़खानी हो जाती है। आखिर में यह सवाल खड़ा होता है कि अगर आरपीएफ और जीआरपी अपना काम ठीक ढंग से कर रही है तो यह मामले कैसे हो रहे हैं। लोगों को जागरूक करने के बाद भी आरोपित तत्काल क्यों नहीं पकड़े जा रहे हैं।
रेलवे का दावा खोखला
बुधवार रात नई दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी में एक बालिका और हावड़ा-नई दिल्ली कोलकाता राजधानी में एक महिला यात्री से छेड़छानी हुई। रेलवे दावा करता है कि राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में लगातार एस्कार्ट गश्त करती है। कोच अटेंडेंट से लेकर कंडक्टर (सीआइटी) तक चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी ट्रेनों में महिलाओं से छेड़खानी हो जाती है। आरपीएफ और जीआरपी का दावा है कि उनकी एस्कार्ट एक-एक कोच में लोगों को जागरूक करने के साथ उनसे यह पूछती है कि कोई परेशानी तो नहीं है। लाउड हेल्डर से भी लोगों को जागरूक किया जाता है। एस्कार्ट यात्रियों से उनका फीडबैक लेकर इसकी रिपोर्ट भी बनाकर देती है। इतना इंतजाम होने के बावजूद ट्रेनों में चोरी और छेड़खानी की घटाएं हो रही हैं।
बोले जीआरपी के सीओ
जीआरपी सीओ अशोक कुमार सिंह का कहना है कि एस्कार्ट को निर्देश दिया गया है कि जिन यात्रियों की हरकत थोड़ा भी संदिग्ध दिखाई दे, उससे सख्ती से पेश आया जाए। कोच अटेंडेंट को हिदायत दी गई है कि वह भी सतर्क होकर काम करें। कोई भी सूचना उनके पास आती है तो तत्काल एस्कार्ट और कंट्रोल रूम को जानकारी दें, ताकि छेड़खानी की घटना न हो।
कोचों में लगाया जाता है एस्कार्ट टीम का नंबर
ट्रेन में अगर कोई यात्री किसी महिला से छेड़खानी करता है या कोई यात्री किसी को गुमराह करता है तो उसकी शिकायत यात्री तत्काल एस्कार्ट टीम से कर सकते हैं। इसके लिए कोच में एस्कार्ट टीम का नंबर भी चस्पा किया जाता है। इसके अलावा यात्रियों को 112 नंबर और 182 नंबर पर की जानकारी दी जाती है, ताकि वह अपनी शिकायत तत्काल फोन पर करें। इसकी सूचना जैसे ही कंट्रोल रूम तक पहुंचती है तो फौरन ट्रेन में चल रही एस्कार्ट टीम को कोच में पहुंचने का निर्देश दिया जाता है।