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Millennium Star Amitabh Bachchan: मेगा स्‍टार अमिताभ बच्‍चन आंएगे अपने पैतृक गांव, प्रतापगढ़ के बाबू पट्टी गांव में उतरेगी सरकार

Millennium Star Amitabh Bachchan अमिताभ बच्चन के पिता व प्रख्यात साहित्यकार स्व. हरिवंश राय बच्चन का जन्म इसी गांव में हुआ था। अध्ययन के लिए प्रयागराज गए तो फिर वहीं बस गए। हालांकि उनका अपने गांव आना-जाना लगा रहा। उनके बेटे अमिताभ बच्चन प्रयागराज में पैदा हुए ।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 08:19 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 08:19 PM (IST)
Millennium Star Amitabh Bachchan: मेगा स्‍टार अमिताभ बच्‍चन आंएगे अपने पैतृक गांव,  प्रतापगढ़ के बाबू पट्टी गांव में उतरेगी सरकार
अमिताभ बच्चन के पिता व प्रख्यात साहित्यकार स्व. हरिवंश राय बच्चन का जन्म इसी गांव में हुआ था।

प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में स्थित मेगा स्टार अमिताभ बच्चन का पैतृक गांव बुधवार को उम्मीद और जोश की नई किरणों से लबरेज था। आखिर हो भी क्यों ना, बरसों से बिग बी की राह देख रहे इस गांव के आने का फैसला अमिताभ बच्चन ने पूरे देश को सुना दिया। केबीसी कार्यक्रम में उनके अपने गांव जाने का वादा सुन बाबू पट्टी का हर व्यक्ति उनके स्वागत की तैयारी में जुट गया। उनके कई सपनों को पंख लग गए। हर तरफ खुशी से झूमती महिलाओं का यह कहना, अब बिग बी आएंगे और उनके गांव में उतरेगी योगी सरकार। बिग बी के स्वागत की योजना बनाने में मगन गांव वालों के पास अब जैसा कोई दूसरा काम ही नहीं बचा है।

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अमिताभ के पिता का इसी गांव में हुआ था जन्‍म

अमिताभ बच्चन के पिता व प्रख्यात साहित्यकार स्व. हरिवंश राय बच्चन का जन्म इसी गांव में हुआ था। अध्ययन के लिए प्रयागराज गए तो फिर वहीं बस गए। हालांकि उनका अपने गांव आना-जाना लगा रहा। उनके बेटे अमिताभ बच्चन प्रयागराज में पैदा हुए और प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद नई दिल्ली चले गए। फिल्मी कैरियर शुरू हुआ और मेगा स्टार बन गए। हर हिंदुस्तानी के दिल में बसने वाले अमिताभ कभी बाबूपट्टी नहीं जा पाए, यह भी एक संयोग ही है।

2006 में जया बच्‍चन आ चुकी हैं ससुराल

इसी के साथ दूसरा सुखद पहलू यह भी कि अमिताभ भले ही अपने पुरखों की धरती के लिए समय नहीं निकाल पाए, मगर उनकी पत्नी जया बच्चन सारा काम छोड़कर वर्ष 2006 की पांच मार्च को अपनी सुसराल यानि बाबूपट्टी गांव आई थीं। उस दौरान वह संसद सदस्य के साथ ही फिल्म विकास परिषद की अध्यक्ष भी थीं। उनके साथ तत्कालीन विकास परिषद अध्यक्ष अमर सिंह और पूर्व सांसद सीएन सिंह भी गांव गए थे। यहां पर अपने ससुर हरिवंश राय बच्चन के नाम के पुस्तकालय का लोकार्पण किया था। अपने ससुर हरिवंश राय बच्चन के चचेरे भाई शारदा प्रसाद श्रीवास्तव का पैर छूकर बहु होने का एहसास भी कराया था। उनका आना और फिर अपनी बहु ऐश्वर्या राय के साथ आने का वादा करके जाना, फिर आज तक ना आना। पूरे गांव को एक-एक चीज याद है। उन्हें सबसे ज्यादा टीस इस बात की है कि आखिर अमिताभ बच्चन आज तक अपने पैतृक गांव के लिए समय क्यों नहीं निकल पाए। एक इलेक्ट्रानिक चैनल पर इन दिनों आ रहे केबीसी कार्यक्रम को हर दिन देखने वाली महिमा श्रीवास्तव बुधवार को उस समय खुशी से उछल पड़ीं, जब बिग ने प्रतिभागी अंकिता सिंह के मौसा से निकट भविष्य में बाबू पट्टी जाने की मंशा को साझा किया। गांव की महिमा, के अलावा मीनाक्षी श्रीवास्तव और और सरिता श्रीवास्तव की आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे।

ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं

मानों इतना ही कहकर बिग ने उनकी बरसों की मुराद पूरी कर दी। महिमा बड़े उत्साह के साथ गांव में कहती फिरती रहीं, बिग बी जल्दी अइहीं। अब गांव क कायाकल्प होइ जाए। मीनाक्षी दूने उत्साह से अपनी बात जोड़ती हैं कि बिग बी के दोस्त हैं देश के प्रधानमंत्री मोदी। बिग बी के गांव में आते ही मोदी के इशारे पर पूरी योगी सरकार गांव में आइ जाए। भइया बिग बी के आवे क मतलब गांव का विकास होई, कालेज और अस्पताल का निर्माण होई। मानों लोगों के सपनों को पंख लग गए हों। गांव में हरिवंश राय बच्चन पुस्कालय के सामने बुधवार को प्रधानाध्यापक प्रशांत यादव, संगीता मिश्रा, सुमन, नितेश मिश्रा, शैलेष, शेषमनि, रमाकांत, प्रेमचंद्र, महेश, जगन्नाथ और सुरेंद्र हाथ में बिग बी की फोटो लेकर खड़े हो गए। यहां पर घंटों लोगों को मजमा लगा रहा। हर तरफ बिग बी का शोर मचा रहा।  

22 लाख का पुस्तकालय, एक भी किताब नहीं

यूं तो स्व. हरिवंश राय बच्चन के नाम पर बने पुस्तकालय के निर्माण पर 22 लाख का खर्च आया था। मगर वर्तमान में इसकी हालत बेहद खराब है। इस पुस्तकालय में अब एक भी पुस्तक नहीं बची है।

बिग के रिश्तेदार भी, नाम भी रख लिया अमिताभ

बिग बी के चचेरे चाचा शारदा प्रसाद श्रीवास्तव अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनके पौत्र अमिताभ बब्लू श्रीवास्तव पुरानी यादों में खो जाते हैं। कहते हैं, उनके पिता ने उनका नाम भी प्यार से अमिताभ रख दिया। वैसे उन्हें गांव वाले बब्लू के नाम से बुलाते हैं। हरिवंश राय बच्चन हमेशा उनके बाबा शारदा प्रसाद को चि_ी लिखते और मुंबई भी बुलाते। यहां से उनके बाबा मुंबई जाते तो गांव की चीज ले जाते, हरिवंश राय जी बड़े प्रेम से गांव से भेजी गई चीजों को अपने पास सहेज कर रखते।

महिला डिग्री कालेज का किया था वादा

पूर्व प्रधान पंकज शुक्ला बिग बी के आने को लेकर उत्साहित हैं। वह कहते हैं कि जया बच्चन वर्ष 2006 में अपने ससुर के नाम बने पुस्तकालय का लोकार्पण कार्यक्रम में आई थीं। उस समय उन्होंने कई वादे किए थे, उसमें से एक वादा यह भी था कि वह जल्द ही बाबू पट्टी में महिला डिग्री कालेज बनवाएंगी। हालांकि फिर उनका आना नहीं हो पाया। वहीं गांव की वर्तमान प्रधान कलावती भी काफी खुश हैं। वह कहती हैं कि प्रधानी के चुनाव के पहले बिग बी आ जाते तो उनके कार्यकाल में एक सुनहरा अवसर जुड़ जाता। वह बेसब्री से बिग बी के आने का इंतजार कर रही हैं।

काली चौरा पर टेका था

जया बच्चन गांव की काली चौरा देवी स्थान भी गई थीं, जहां पर उन्होंने गांव देवी को नमन किया था। अपने परिवार के कल्याण की कामना की थी। उस समय उनके साथ गांव की कई महिलाएं साथ में थीं, जिन्होंने उनका पूजन संपन्न कराया था। वह आज भी उन पलों को याद करके खुश हो जाती हैं। कैसे पूरे समय सिर पर साड़ी का पल्लू किए रहीं। वह अपनी हर अंदाज से बहु होने का एहसास कराती रहीं, जिसकी छाप आज भी गांव के लोगों के ह्रदयस्थल पर है।


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