आज से व्यापारी नहीं ले सकेंगे मनमानी आइटीसी, वस्तु एवं सेवाकर में महत्वपूर्ण बदलाव
अभी तक व्यापारी पोर्टल पर आटो पापुलेटेड आइटीसी का 105 फीसद तक क्लेम कर सकते थे। नए वित्तीय वर्ष से कारोबारी जीएसटीआर-3 बी में उतनी ही आइटीसी क्लेम कर सकेंगे जितनी जीएसटीआर-2 ए और जीएसटीआर-2 बी में आटो पापुलेटेड होगी।
प्रयागराज,[राजकुमार श्रीवास्तव]। पहली अप्रैल से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हो जाएंगे। अहम यह होगा कि व्यापारी न मनमानी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) ले सकेंगे ना ही इनवायस में गड़बड़ी कर सकेंगे। उन्हें अपने माल पर एचएसएन/एसएसी कोड नंबर भी लिखना होगा। बगैर कोड नंबर माल पकड़े जाने पर अमान्य मान लिया जाएगा।
अभी तक व्यापारी पोर्टल पर आटो पापुलेटेड आइटीसी का 105 फीसद तक क्लेम कर सकते थे। नए वित्तीय वर्ष से कारोबारी जीएसटीआर-3 बी में उतनी ही आइटीसी क्लेम कर सकेंगे जितनी जीएसटीआर-2 ए और जीएसटीआर-2 बी में आटो पापुलेटेड होगी। वाणिज्यकर विभाग का मानना है कि इससे व्यापारी मनमानी तरीके से आइटीसी क्लेम नहीं कर सकेंगे।
छह और चार अंकों का कोड नंबर
जिन व्यापारियों का टर्नओवर पिछले वित्तीय वर्ष में पांच करोड़ रुपये से अधिक था, उन्हें अब इनवायस जारी करते समय वस्तु एवं सेवा के नाम के साथ उस वस्तु अथवा सेवा, जिसकी आपूॢत होगी, उसका छह अंकों का एचएसएन/एसएसी (हारमनाइज्ड सिस्टम आफ नामनक्लेचर व सर्विस एकाउंटिंग कोड) नंबर बिल पर दर्ज करना होगा। जिन कारोबारियों का टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से कम है, उन्हें माल अथवा सेवा पर चार अंकों का कोड नंबर लिखना होगा। निर्यातकों को आठ अंकों का कोड बिल पर अंकित करना होगा।
50 करोड़ से ज्यादा के टर्नओवर पर ई-इनवायस
अफसरों का कहना है कि जिन कारोबारियों का सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है, उन्हें एक अप्रैल से अनिवार्य रूप से पोर्टल पर इनवायस रजिस्ट्रेशन करके ई-इनवायस जारी करना होगा। वह सीधे सरकार के खाते में चला जाएगा। जो व्यापारी कंपनी अफेयर्स में आते हैं, उनके लिए सॉफ्टवेयर में ऑडिट ट्रेल की सुविधा जरूरी है। इससे खाते को मॉडिफाई करने पर बदलाव का दिन और समय का रिकार्ड रहेगा। बाद में इसे निष्क्रिय नहीं किया जा सकेगा।