माफिया अतीक का भी खास गुर्गा था मेराजुद्दीन उर्फ मेराज, गिरोह के सदस्यों को पूर्वांचल में दिलाता था ठौर
अतीक के मुकदमों में भी सहअभियुक्त नहीं है लेकिन उसके और गैंग के लिए काम करता रहता था। गिरोह के किसी सदस्य को परेशानी होने पर वह पूर्वांचल में उसे पनाह दिलवाता था। पहले मुख्तार और फिर अतीक पर शिकंजा कसने के बाद मेराज परेशान हो गया था।
प्रयागराज,जेएनएन। चित्रकूट जेल में मारा गया कुख्यात अपराधी मेराजुद्दीन उर्फ मेराज माफिया अतीक अहमद का भी खास गुर्गा था। पूर्वांचल में वह माफिया मुख्तार अंसारी के लिए काम करता था तो प्रयागराज और आसपास के जिल में अतीक के लिए। ऐसा पुलिस और स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के अधिकारियों का कहना है।
कई बार फ्लाइट से गया था अहमदाबाद
बताया जाता है कि मेराज काफी शातिर दिमाग का था। उसके बड़े-बड़े अपराधियों के साथ ही माफिया से अच्छे संबंध थे। इसी के बल पर वह अपराध, धनउगाही से लेकर दूसरे काम करता था। अधिकारियों का दावा है कि प्रदेश में सरकार बदलने के बाद जब पूर्व सांसद व माफिया अतीक के दुर्दिन शुरू हुए तो मेराज उनके ज्यादा करीब आ गया। जेल में मिलाई करने से लेकर मुकदमों की पैरवी तक करता था। कई बार वाराणसी से अहमदाबाद फ्लाइट से भी गया था और अतीक के परिवार के कुछ सदस्यों को भिजवाया था। हालांकि पुलिस रिकार्ड में मेराज का प्रयागराज में कोई आपराधिक मुकदमा नहीं है।
गिरोह के सदस्यों को पूर्वांचल में दिलाता था ठौर
अतीक के मुकदमों में भी सहअभियुक्त नहीं है, लेकिन उसके और गैंग के लिए काम करता रहता था। गिरोह के किसी सदस्य को परेशानी होने पर वह पूर्वांचल में उसे पनाह दिलवाता था। पहले मुख्तार और फिर अतीक पर शिकंजा कसने के बाद मेराज परेशान हो गया था। इसके बाद ही बीते साल वाराणसी पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेजा था, जहां चित्रकूट जेल ट्रांसफर किया गया था। अधिकारियों का यह भी कहना है कि मुकीम काला और अंशू दीक्षित का भी प्रयागराज से कोई सीधा कनेक्शन नहीं था। बहरहाल, इस घटना से प्रयागराज में आकर कभी कभार छिपने वाले इस गैंग से जुड़े लोगों में भी खलबली मची हुई है।