Lockdown में घर बैठे एम्स की टेलीमेडिसिन सुविधा लें, बस आपको यह करना होगा Prayagraj News
लॉकडाउन में मनोरोगियों के इलाज की घर बैठे सुविधा एम्स ने दी है। एम्स की टेलीमेडिसिन सुविधा ऐसे रोगियों के परिजन ले सकते हैं। लाॅकडाउन में घर बैठकर सुविधा ले सकेंगे।
प्रयागराज, जेएनएन। लॉकडाउन में बाहर निकलने पर पाबंदी है, ट्रेन व बस सेवा भी ठप है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की भी मनाही है। ऐसे में मानसिक रोगियों को असुविधा न हो, इसके लिए नई दिल्ली ने टेली मेडिसिन की सुविधा दी है। इसके तहत में एम्स के मनोचिकित्सक, मरीज का मूल्यांकन कर स्वास्थ्य संबंधी परामर्श प्रदान कर सकेंगे। ऐसे रोगी जिनका इलाज मनोरोग विभाग द्वारा पहले से किया जा रहा है, जो यहां भर्ती रहे हैं अथवा जिन्हें फालोअप के लिए बुलाया गया हो, उन्हें इस सेंटर से चिकित्सकीय परामर्श मिलेगा। हम आपको बताएंगे कि किस नंबर पर सुदूर रहकर भी मनोरोगियों के परिवार का कोई भी सदस्य यहां कॉल कर सकता है। इसका प्रोसेस क्या है, यह भी हम बताएंगे।
कोरोना वायरस संक्रमण से लॉकडाउन, मानसिक रोगियों के इलाज में होगी सुविधा
ऐसे दौर में जब कोरोना संक्रमण काल चलते संपूर्ण देश में लॉकडाउन है, मानसिक रोगियों का इलाज करना चुनौतीपूर्ण हो चला है। इस दौरान सही निर्देशन, दवा की अनुपलब्धता और समय पर दवा नहीं मिलने के कारण मनोरोगियों के विकार बढऩे या ठीक होने की गति रुकने की आशंका है। इसे देखते हुए नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मनोरोग विभाग ने टेली मेडिसिन सुविधा शुरू की है। संचार के विभिन्न साधनों जैसे मोबाइल फोन, टेक्स्ट मैसेज, वाट्सएप, ईमेल आदि के जरिए यहां से मनोरोगियों के लिए इलाज संबंधी परामर्श दिया जाएगा।
बोले एडीशनल सीएमओ डॉ. वीके मिश्र
एडीशनल सीएमओ डॉ. वीके मिश्र कहते हैं कि इस विषम परिस्थितियों में एम्स की यह पहल मनोरोगियों के इलाज में कारगर साबित होगी। प्रयागराज समेत विभिन्न जनपद के मरीज इसका लाभ उठा सकते हैं।
ऐसे ली जा सकती है सुविधा
एम्स स्थित मनोरोग विभाग के टेली सेंटर की सुविधा का लाभ लेने के लिए मरीज अथवा उनके स्वजनों को केंद्रीयकृत नंबर 9999625860 पर पहले मैसेज भेजना होगा। इसमें मरीज का नाम, एप्वाइंटमेंट की तारीख और यूएचआइडी नंबर देना अनिवार्य होगा। यहां से आवश्यकता के अनुसार मोबाइल फोन से वीडियो या ऑडियो द्वारा, सामान्य टेक्स्ट संदेशों और ईमेल के जरिए मरीजों को परामर्श प्रदान किया जाएगा। चिकित्सक ऑडियो या वीडियो कॉल द्वारा परामर्श देंगे। दवाएं लेने और अन्य परामर्श की डिजिटल पर्ची वाट्सएप के माध्यम से मरीजों को भेजेंगे। आपात स्थिति में मनोरोगियों को नजदीकी अस्पताल में जाने की सलाह भी दी जा सकती है।