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गोली से उड़ा दूंगा, मेहरगनी उर्फ बंटी ने दी थी थानेदार को धमकी Prayagraj News

थानाध्यक्ष पंकज मिश्र को कई बार धमकी दी थी कि मौका मिलते ही उन्हें गोली से उड़ा देगा। अभियोजन अधिकारी को भी कोर्ट में धमकाया था कि पुलिस कस्टडी से छूटा तो जिंदा नहीं छोड़ेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 08:22 AM (IST)
गोली से उड़ा दूंगा, मेहरगनी उर्फ बंटी ने दी थी थानेदार को धमकी Prayagraj News
गोली से उड़ा दूंगा, मेहरगनी उर्फ बंटी ने दी थी थानेदार को धमकी Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन : बंटी मेहरगनी उर्फ अनुपम मेहर ने थानेदार के साथ ही अभियोजन अधिकारी को भी गोली से उड़ाने की धमकी दी थी। अब 11 साल बाद एसटीएफ द्वारा उसकी गिरफ्तारी से सबको राहत मिली है।

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संतरी की बंदूक छीनकर थानाध्‍यक्ष पर किया था फायर

हमीरपुर जनपद में राठ के जुलाहटी गांव का मूल निवासी 50 हजार रुपये का इनामी मेहर गनी पुत्र पीरबख्श गुरुवार भोर में नोएडा में एसटीएफ के हत्थे चढ़ा। मुठभेड़ के दौरान उसके पैर में गोली लगी। बंटी 2005 में प्रयागराज में कटघर स्थित यूइंग क्रिश्चियन कॉलेज में ग्र्रेजुएशन करने आया था। उसी समय मकान मालिक केपांच साल के बच्चे की हत्या के मामले में उसे पकड़ा गया था। उसने शव को बोरे में भरकर पलंग के नीचे छिपाया था। गिरफ्तारी के बाद उसने मुट्ठीगंज थाने में संतरी से बंदूक छीनकर तत्कालीन थानाध्यक्ष पंकज मिश्र पर फायर कर दिया था। उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद वह वर्ष 2008 में कस्टडी से फरार हो गया था।

थानेदार और अभियोजन अधिकारी को दी थी धमकी

हत्या और थानेदार पर फायर करने के अलावा उसने एक और दुस्साहस किया था। उसने कोर्ट में पेशी के दौरान थानाध्यक्ष पंकज मिश्र को कई बार धमकी दी थी कि मौका मिलते ही उन्हें गोली से उड़ा देगा। अभियोजन अधिकारी को भी कोर्ट में धमकाया था कि पुलिस कस्टडी से छूटा तो उन्हें जिंदा नहीं छोड़ेगा।

उसकी धमकी ने पंकज और अभियोजन अधिकारी को भी चिंतित कर दिया था। बंटी कस्टडी से भागा तो उनकी बेचैनी भी बढ़ गई क्योंकि ऐसे सनकी अपराधी का क्या भरोसा कब क्या कर जाए। पंकज को अफसरों ने सतर्क रहने की सलाह दी थी। उनके परिवार के लोग भी चिंतित रहते थे। पंकज अक्सर अफसरों से मिलकर बंटी की गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाते रहते थे। मौजूदा समय में एसटीएफ लखनऊ में तैनात पंकज के ही प्रयास का नतीजा है कि बंटी ग्यारह साल बाद पकड़ में आ गया। उसने अपना नाम और धर्म बदल लिया था। नाम रख लिया था अनुपम मेहर। दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत में इंस्पेक्टर पंकज मिश्र ने कहा कि बंटी की गिरफ्तारी से उन्हें संतोष मिला है।

पिता थे संस्कृत के शिक्षक

 अपराधी बंटी मेहरगनी के पिता पीरबख्श हमीरपुर के जीआइसी में संस्कृत के शिक्षक रहे हैं। उसकी बहन ने भी संस्कृत से एमए किया था। पूरा परिवार शिक्षित है लेकिन बंटी ने अपनी करतूत से बदनामी करा दी। पुलिस की घेराबंदी की वजह से वह बरसों तक हमीरपुर में न घर गया और न तो परिवार से संपर्क किया।


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