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प्रयागराज के एसआरएन अस्‍पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों के लिए दवा खरीदनी पड़ती है

ट्रामा सेंटर में अधिकतर वही लोग लाए जाते हैं जो किसी दुर्घटना या हादसे में घायल होते हैं। प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में आसपास के 10-12 जिलों के लोग इलाज कराने आते हैं। ऐसे में ट्रामा सेंटर हमेशा व्यस्त रहता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 12:01 PM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 12:01 PM (IST)
प्रयागराज के एसआरएन अस्‍पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों के लिए दवा खरीदनी पड़ती है
स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों की दिक्‍कत है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में एक रुपये के पंजीकरण पर इलाज होता है। सुविधाओं के नजरिए से यह अस्पताल प्रयागराज मंडल के सभी सरकारी अस्पतालों से बड़ा है लेकिन लोग ठगे तब रह जाते हैं जब यहां तीमारदारों को हजारों रुपये की दवा बाहर से लाने का पर्चा थमा दिया जाता है। पट्टी, काटन से लेकर टेप तक क्रय कराने से लोगों पर अचानक बोझ पड़ता है जबकि पावरफुल लोगों के लिए यहां सभी सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध हो जाती हैं। इस बड़ी लापरवाही पर किसी अधिकारी की नजर नहीं पड़ रही। 

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ट्रामा सेंटर में अधिकतर वही लोग लाए जाते हैं जो किसी दुर्घटना या हादसे में घायल होते हैं। प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में आसपास के 10-12 जिलों के लोग इलाज कराने आते हैं। ऐसे में ट्रामा सेंटर हमेशा व्यस्त रहता है। यहां इलाज भी उच्च गुणवत्ता का होता है और चिकित्सक भी खूब मेहनत करते हैं। लेकिन दवाएं और अन्य चिकित्सा आइटम बाहर के मेडिकल स्टोर से मंगाए जाने पर लोग ठगे रह जाते हैं। 

पिछले दिनों अपना मरीज लेकर एसआरएन के ट्रामा सेंटर पहुंचे भदोही निवासी अंजनी कुमार को जूनियर डाक्टरों ने जब दवा का पर्चा थमाया तो वे नाराज हुए। दवा के पर्चे पर उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहाकि अस्पतालों में करोड़ों रुपये की दवाएं सरकार से आती हैं, मरीजों पर उनका इसतेमाल नहीं होता तो दवाएं कहां चली जाती हैं।

पिछले दिनों वृद्ध मरीज को लेकर पहुंचे प्रयागराज के झूंसी निवासी प्रमोद तिवारी भी इसी बात पर नाराज हुए। उनका भी कहना था कि दवाएं लिखकर दे दी गईं। मेडिकल स्टोर पर उन्हें 45 सौ रुपये का बिल पकड़ा दिया गया। दवाएं लेकर आए तो केवल आधी दवा का इस्तेमाल कर बाकी रख ली गईं। दवा मांगने पर ट्रामा सेंटर के जूनियर डाक्टर और नर्स नाराज हो गए। 

इस संबंध में अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी कहते हैं कि दवाएं जितनी आती है मरीजों की तादाद उस अनुपात से काफी ज्यादा रहती हैं। कुछ दवाएं ही बाहर से मंगाई जाती हैं लेकिन फौरन मरीज की जान बचाना होता है। यदि काेई सभी दवा ओर अन्य चिकित्सा आइटम बाहर से मंगा रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी।


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