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DFCCIL के एमडी बोले-समय सारिणी से चलेंगी मालगाडिय़ां Prayagraj News

डीएफसीसीआइएल के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुराग सचान ने कहा कि समय सारिणी से मालगाड़ी चलाने का उद्देश्य यही है कि रोजमर्रा की वस्तुएं निर्धारित समय में अपने गंतव्य तक पहुंच जाएं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 11:36 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 11:36 AM (IST)
DFCCIL के एमडी बोले-समय सारिणी से चलेंगी मालगाडिय़ां Prayagraj News
DFCCIL के एमडी बोले-समय सारिणी से चलेंगी मालगाडिय़ां Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुराग सचान ने सूबेदारगंज में बने कंट्रोल रूम का निरीक्षण करने के बाद कहा कि डीएफसी ट्रैक पर समय सारिणी से मालगाडिय़ां चलाई जाएंगी। इसकी शुरुआत ईडीएफसी पर कानपुर से खुर्जा सेक्शन के बीच की जाएगी। पूरी संभावना कि इस साल यह काम शुरू हो जाएगा।

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31 मार्च तक खुर्जा से भावापुर तक डीएफसी रूट चालू हो जाएगा

डीएफसीसीआइएल के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुराग सचान ने कहा कि समय सारिणी से मालगाड़ी चलाने का उद्देश्य यही है कि रोजमर्रा की वस्तुएं निर्धारित समय में अपने गंतव्य तक पहुंच जाएं। 31 मार्च 2020 तक खुर्जा से भावापुर तक डीएफसी रूट चालू हो जाएगा। इसके साथ ही समय सारिणी से मालगाडिय़ों को चलाने की कवायद भी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि डीएफसी के ट्रैक पर अगर प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए कंपनियां आगे आएंगी तो उनका स्वागत है, लेकिन इसका संचालन रेलवे के माध्यम से ही होगा। निजी कंपनियों को रेक से लेकर अन्य प्रक्रिया रेलवे से मिलकर पूरी करनी होंगी। डीएफसी ट्रैक पर मालगाडिय़ों के परिचालन पर कितना शुल्क लिया जाएगा। इस पर विचार हो रहा है।

यमुना पर एक किमी लंबा पुल

प्रयागराज के नैनी में यमुना नदी पर  मोहब्बतगंज-करेलाबाग के बीच बन रहा डीएफसी का पुल 1034 मीटर (एक किलोमीटर से अधिक) लंबा है। 17 पिलरों पर यह पुल तैयार हो रहा है। सात पिलर यमुना नदी में बने हैं। सितंबर 2020 तक इस पुल पर गर्डर लांचिंग का काम पूरा हो जाएगा। इस पुल से डबल डेकर माल गाडिय़ां भी गुजर सकेंगी। फिलहाल ईस्टर्न कॉरीडोर पर अभी सिंगल डेकर माल गाडिय़ां ही चलाई जाएंगी लेकिन पुलों का निर्माण भविष्य को देखते हुए किया जा रहा है। ईस्टर्न कॉरीडोर का यह दूसरा लंबा पुल है। लगभग तीन किलोमीटर लंबा एक पुल सोन नदी पर बना है। उस पर ट्रेनों का परिचालन हो रहा है।

डीएफसी किनारे होगी हरियाली

डीएफसी के किनारे जगह-जगह पौधे लगाने की तैयारी है। मनौरी में तीन हजार पौधे लगाए भी गए हैं। जल्द ही कानपुर से लेकर डीडीयू के बीच में पौधे लगाए जाएंगे। नई दिल्ली से आई विश्व बैंक की टीम ने सबसे पहले गुरुवार को यमुना नदी में बन रहे पुल का निरीक्षण किया। फिर सूबेदारगंज में बने डीएफसी के आपरेशन कंट्रोल सेंटर को देखा। लुधियाना से लेकर हावड़ा के दानकुनी तक बने रहे डीएफसी के ट्रैक की जानकारी ली। मालूम हो कि विश्व बैंक ने 1.86 बिलियन डॉलर की अर्थिक मदद डीएफसी ट्रैक को बनाने में की है। विश्व बैंक के सीनियर ट्रांसपोर्ट स्पेशलिस्ट अतुल अग्रवाल ने बताया कि उनके संगठन ने पहली बार रेलवे के कार्यों में आर्थिक मदद दी है।

पीपीपी मॉडल पर होगा काम

डीएफसीसीआइएल सोन नगर से लेकर दानकुनी तक डीएफसी का ट्रैक पीपीपी मॉडल पर बनवाएगा। जल्द ही इसके लिए एजेंसी की तलाश शुरू होगी। विश्व बैंक की टीम शुक्रवार को सुबह संगम पर स्नान करने के बाद वाया रोड कानपुर के लिए रवाना हो गई। रास्ते में डीएफसी के कार्यों का निरीक्षण भी करेगी। शाम को कानपुर से नई दिल्ली लौट जाएगी। विश्व बैंक की टीम के साथ मीडियाकर्मी भी रहे।


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