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मौनी अमावस्‍या निकट, प्रयागराज में गंगा का जलस्तर कम होने पर भी कटान जारी है

सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हवा बहने से कटान बढ़ रही है। जलस्तर कम होने से मेला प्रशासन की ओर से सभी स्नान घाटों को दुरुस्त किया जाने लगा है। घाटों पर दलदल न हो इसके लिए पुआल बिछाया जा रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 05:53 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 05:53 PM (IST)
मौनी अमावस्‍या निकट, प्रयागराज में गंगा का जलस्तर कम होने पर भी कटान जारी है
प्रयागराज माघ मेला इलाके में गंगा नदी के किनारे बालू व मिट्टी का कटान हो रहा है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से घटने लगा है। जलस्तर घटने से भले ही मेला प्रशासन को राहत मिल गई है लेकिन सिंचाई विभाग की परेशानी घटने के बजाय बढ़ती जा रही है। हवाओं के साथ मेला क्षेत्र में कटान जोरों से हो रही है। सिंचाई विभाग की ओर से कटान रोकने के लिए किए जा रहे सारे इंतजाम फेल होते दिख रहे हैं। जबकि मौनी अमावस्‍या का मुख्‍य स्‍नान पर्व निकट है।

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कटान रोकने को सिंचाई विभाग कर रहा प्रयास

सिंचाई विभाग की ओर से क्रेट और बोरियों में बालू भरकर कटान रोकने का प्रयास हो रहा है। तेज हवाओं के चलने से कटान दारागंज की ओर अधिक हो रही है। सिंचाई विभाग के इंजीनियरों से मिली जानकारी के अनुसार कानपुर बैराज से शुक्रवार को 14 हजार क्यूसेक के आसपास पानी का डिस्चार्ज किया गया। चार दिन पहले कानपुर से 23 से 24 हजार क्यूसेक के आसपास रोजाना पानी छोड़ा जा रहा था। त्रिपेणी पुल से लेकर संगम नोज तक तेजी से कटान हो रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हवा बहने से कटान बढ़ रही है। जलस्तर कम होने से मेला प्रशासन की ओर से सभी स्नान घाटों को दुरुस्त किया जाने लगा है। घाटों पर दलदल न हो इसके लिए पुआल बिछाया जा रहा है।

कटना नहीं रुका तो घाट बनाने में आएगी समस्या

मेला क्षेत्र में जिस तरह से कटान हो रही है अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया तो कई स्नान घाट भी पानी में समा सकते हैं। शुक्रवार को सभी स्नान घाटों पर श्रमिक लगाकर घाटों की सफाई की गई।

मौनी अमावस्या के पहले तैयार होगा फाफामऊ में पीपा पुल

फाफामऊ में बनने वाले दोनों पीपा पुलों का निर्माण मौनी अमावस्या के पहले पूरा हो जाएगा। दोनों पुलों का निर्माण कार्य अंतिम दौर में चल रहा है। हालांकि इन पुलों को निर्माण कार्य 10 जनवरी तक पूरा करने का निर्देश दिया गया था। माघ मेला के लिए पहली बार सात पीपा पुल बनाने का निर्णय लिया गया। इसमें से पांच पीपा पुल मेला क्षेत्र में बनाए जाने थे और दो पीपा पुल फाफामऊ में बनना था। माघ मेला क्षेत्र के सभी पुल तो मकर संक्रांति के पहले तैयार हो गए थे। हालांकि फाफामऊ का पुल अभी तक तैयार नहीं हो पाया है। बेला कछार में चकर्ड प्लेट भी अभी तक पूरी तरह से पीडब्ल्यूडी की ओर नहीं बिछाई गई है। वहां काम करने वाले श्रमिकों ने बताया कि काम तेजी से चल रहा है दो दिन के भीतर सभी काम पूरे हो जाएगा।


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