Dr Bansal Murder Case: नैनी जेल भेजा गया मास्टरमाइंड आलोक सिन्हा, पूछताछ में मिली कई और जानकारी
आलोक सिन्हा ने पुलिस को कई और जानकारी दी है। उसके आधार पर अब पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा पर शिकंजा कसा जाएगा। माफिया दिलीप एक सपा नेता समेत दो की हत्या की सुपारी देने के आरोप में वह फतेहगढ़ जेल में बंद है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जीवन ज्योति अस्पताल के निदेशक व प्रसिद्ध सर्जन डा. एके बंसल की हत्या का मास्टर माइंड आलोक सिन्हा गुरुवार शाम जेल भेज दिया गया। कीडगंज पुलिस ने पहले अभियुक्त को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया फिर उसे न्यायिक अभिरक्षा में नैनी जेल भेजा गया।
दो अपराधियों का जेल में लिया जाएगा बयान
इससे पहले पूछताछ में आलोक सिन्हा ने पुलिस को कई और जानकारी दी है। उसके आधार पर अब पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा पर शिकंजा कसा जाएगा। माफिया दिलीप मिश्रा औद्योगिक थाना क्षेत्र के लवायन कला गांव का रहने वाला है। एक सपा नेता समेत दो की हत्या की सुपारी देने के आरोप में वह फतेहगढ़ जेल में बंद है। जबकि इसी हत्याकांड में शामिल रहा शूटर अख्तर कटरा सोनभद्र जेल में निरुद्ध है। कीडगंज पुलिस का कहना है कि जल्द ही इन दोनों का बयान जेल में लिया जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई करते हुए विवेचना की जाएगी। जार्जटाउन निवासी एके बंसल की हत्या 12 जनवरी 2017 की शाम रामबाग स्थित जीवन ज्योति अस्पताल के चेंबर में गोली मारकर की गई थी। दुस्साहसिक अंदाज में हुई वारदात से पूरे जिले में सनसनी फैल गई थी। हत्यारोपितों को पकडऩे के लिए पुलिस के साथ ही एसटीएफ की भी कई टीम लगी थी। उस वक्त भी एडमिशन माफिया आलोक सिन्हा का नाम प्रकाश में आया था, लेकिन जब शूटर मो. शोएब पकड़ा गया तो उसे हत्या के मामले में वांछित घोषित किया गया। बुधवार शाम एसटीएफ ने आलोक को पकड़कर कीडगंज थाने में दाखिल किया था। इंस्पेक्टर कीडगंज सुनील बाजपेयी का कहना है कि आरोपित को जेल भेज दिया गया है।
कत्ल के बाद खोली थी नई कंपनी
डा. बंसल की हत्या के बाद जब एसटीएफ व पुलिस की टीम आलोक की तलाश में जुटी थी, तब वह नोएडा में अपना कारोबार बदल रहा था। कोचिंग संस्थान बंद करने के बाद आलोक ने गाजियाबाद में वर्ल्ड बिजनेस सेंटर खोला। इस कंपनी के जरिए वह प्रापर्टी डीलर और रियल एस्टेट कारोबारियों के संपर्क में आया। फिर वह बने हुए फ्लैट को बेचने का काम अपनी कंपनी के माध्यम से शुरू किया। इसके जरिए भी उसने करोड़ों रुपये कमाए थे। उसी के पैसे से लग्जरी कार भी खरीदी थी।
ठगी से परेशान होकर छात्र ने दी थी जान
एसटीएफ सीओ नवेंदु कुमार का कहना है कि आलोक ने दिल्ली के रहने वाले छात्र कुलदीप यादव को भी मेडिकल कालेज में दाखिला कराने के नाम पर 45 लाख रुपये की ठगी की थी। एडमिशन न होने और धोखाधड़ी का शिकार होने पर कुलदीप ने आत्महत्या कर ली थी। बेटे के आत्मघाती कदम से परेशान कुलदीप के पिता भगवान यादव ने दिल्ली में आलोक के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था।