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Mass Murder in Prayagraj : प्रिंस का मोबाइल बरामद नहीं कर सकी पुलिस, इन सवालों के नहीं मिल सके जवाब

Mass Murder in Prayagraj विमलेश पांडेय उनके बेटे प्रिंस और दो बेटियों की हत्या के बाद हत्यारोपित दो मोबाइल भी अपने साथ उठा ले गए थे। प्रिंस का मोबाइल नहीं बरामद हुआ।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 08:39 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 08:39 AM (IST)
Mass Murder in Prayagraj : प्रिंस का मोबाइल बरामद नहीं कर सकी पुलिस, इन सवालों के नहीं मिल सके जवाब
Mass Murder in Prayagraj : प्रिंस का मोबाइल बरामद नहीं कर सकी पुलिस, इन सवालों के नहीं मिल सके जवाब

प्रयागराज, जेएनएन। होलागढ़ में हुए सामूहिक हत्याकांड का भले ही पुलिस पर्दाफाश करने का दावा कर रही है, लेकिन मारे गए प्रिंस पांडेय का मोबाइल अब तक बरामद नहीं हो सका है। इतना ही नहीं, जिन छेमार गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया है, उनके खिलाफ वैज्ञानिक साक्ष्य का अभाव है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गैंग के सदस्य मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते और आने जाने के लिए खुद का साधन भी नहीं रखते हैं। ऐसे और भी कई तथ्य हैं, जिसको लेकर 15 दिन बाद हुए इस सनसनीखेज वारदात के पर्दाफाश पर सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोगों को पुलिस की कहानी भी समझ में नहीं आ रही है।

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गिरफ्त में आए अभियुक्त भी मोबाइल के बारे में नहीं बता सके

विमलेश पांडेय, उनके बेटे प्रिंस और दो बेटियों की हत्या के बाद हत्यारोपित दो मोबाइल भी अपने साथ उठा ले गए थे। एक मोबाइल विमलेश का था, जो बाद में होमगार्ड की निशानदेही पर तालाब से बरामद किया गया था, लेकिन प्रिंस का मोबाइल नहीं मिला। गिरफ्त में आए अभियुक्त भी मोबाइल के बारे में न कुछ बता सके और न उनके कब्जे से मिला। चौंकाने वाली बात यह है कि जब आरोपित खुद का मोबाइल इस्तेमाल नहीं करते हैं तो उन्हें घर और दूसरे साथियों के नंबर कैसे याद हैं। कॉल डिटेल रिकार्ड में उनकी लोकेकशन कहां थी, यह भी साफ नहीं हो सका है।

इन सवालों के नहीं मिल सके जवाब

- घटनाक्रम क्या रहा और किसने किसको मारा?

- आखिरकार मृतक ङ्क्षप्रस का मोबाइल कहां है?

- लूटी गई सही रकम और जेवरात कितना था?

- सदस्यों को सरगना की गिरफ्तारी का कैसे पता चला?

- वारदात के बाद आरोपित कहां-कहां छिपे थे?

- अभियुक्तों के खिलाफ कहां और कितने मुकदमे हैं?

वारदात में शामिल थे छह लोग

सामूहिक हत्याकांड में सरगना मोबीन समेत छह लोग शामिल थे। पुलिस का दावा है कि मोबीन और सारिक घर के भीतर पहले घुसे थे। इसके बाद तीन लोग और अंदर गए, जबकि शाहरुख घर के बाहर खड़ा था। वह लोगों की आवाजाही पर नजर रख रहा था। पुलिस यह भी कह रही है कि कुछ आरोपित पहले भी जेल जा चुके हैं और कुछ पर इनाम हो सकता है, मगर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं पता पा रही है। गिरोह के सदस्य भी ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं, लेकिन शातिर हैं।


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