Mass Murder in Prayagraj : घुमंतू छेमार गैंग कई शहरों में वारदात को अंजाम दे चुका है
Mass Murder in Prayagraj छेमार गैंग राजस्थान उत्तराखंड के अलावा यूपी के फतेहगढ़ फर्रुखाबाद बदायूं और प्रयागराज में वारदात कर चुका है।
प्रयागराज, जेएनएन। होलागढ़ में हुए सामूहिक हत्याकांड का पुलिस ने राजफाश कर दिया है। इस हत्याकांड में विमलेश पांडेय, उनके बेटे प्रिंस और दो बेटियों की हत्या हुई थी। सामूहिक हत्याकांड में सरगना मोबीन समेत छह लोग शामिल थे। वारदात को घुमंतू गिरोह छेमार गैंग ने अंजाम दिया था। इस मामले में पांच अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफतार कर लिया है।
घुमंतू गिरोह छेमार के सदस्य हैं आरोपित
पकड़े गए सारिक, शाहरूख, डाबर, फरमान निवासी भुडिया थाना पटवारी जिला रामपुर हैं। ये सभी घुमंतू के छेमार गैंग के सदस्य हैं। इनके गैंग का सरगना मोबिन है। वह बदायूं जिले के बिसौली थानाक्षेत्र के सैदपुर का रहने वाला है। उस पर पचास हजार रुपये का इनाम था। दो दिन पहले पुलिस ने मुठभेड में मोबिन को पकड़ लिया था। इस मामले में एक अभियुक्त सुरेंद्र यादव निवासी लाल का पूरा थाना होलागढ को भी पकडा गया है। उस पर आरोप है कि उसने मारे गए विमलेश पांडेय के घर से लूटी गई मोबाइल को तोडकर साक्ष्य मिटाने का काम किया है।
कई शहरों में गैंग कर चुका वारदात
एसपी गंगापार एनके सिंह के अनुसार गैंग राजस्थान, उत्तराखंड के अलावा यूपी के फतेहगढ़, फर्रुखाबाद, बदायूं और प्रयागराज में वारदात कर चुका है। पुराने मामले में भी गिरोह के संलिप्तता की जांच की जाएगी और दूसरे घुमंतू गिरोह पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
जख्मी महिला नहीं पहचान सकी तस्वीर
एसएसपी ने बताया कि वारदात में जख्मी ऊषा को होमगार्ड समेत कई संदिग्ध लोगों की तस्वीर दिखाई गई थी, लेकिन वह किसी को पहचान नहीं सकी थी। इस आधार पर भी घूमंतू गिरोह पर शक गहराया था। हालांकि महिला को जिंदा बचाने के लिए एएसपी केवी अशोक ने काफी मेहनत की थी और उसका अभी इलाज चल रहा है।
टीम को दिया प्रशस्ति पत्र
वारदात का पर्दाफाश करने पर एसएसपी ने इंस्पेक्टर नवाबगंज सुरेश सिंह, एसओजी प्रभारी वृंदावन राय, मनोज सिंह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही अनावरण में सराहनीय भूमिका निभाने पर दूसरे पुलिस कर्मियों को भी शाबासी दी।
छह की हत्या करने वाला बनता है सरगना
एसएसपी के मुताबिक, छह लोगों की हत्या करने वाला ही छेमार गैंग का सरगना बनता है। छेमार गिरोह के लोग फकीर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। यह लूट के लिए इधर-उधर घूमते रहते हैं और सही स्थान देखकर डेरा बनाते हैं। दिन में भिक्षावृत्ति करने के साथ ही ऐसे मकानों की रेकी करते हैं, जो मुख्य सड़क से लगा हो और एकांत में हो ताकि घर में घुसकर आसानी से लूटपाट कर भाग सकें। लूट में बाधा बनने पर पूरे परिवार की हत्या करने से भी गैंग के सदस्य नहीं चूकते।
आपॅरेशन बंजारा के दौरान मिला सुराग
पुलिस के अनुसार घटना में घुमंतू गिरोह पर पहले से ही शक था। ऐसे लोगों का सत्यापन करने के लिए ऑपरेशन बंजारा चलाया गया। इसी दौरान पता चला कि बंजारों के एक गिरोह को पैसे की जरूरत है। पैसा देने वाला मुख्य सरगना उनके पास नहीं आ रहा है। इस सुराग पर संदिग्ध युवकों को उठाकर पूछताछ की गई तो घटना का पर्दाफाश हुआ। मोबीन ने पकड़े गए बदमाशों को केवल 10 हजार रुपये ही दिए थे।