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Kanpur Encounter : प्रतापगढ़ में बलिदानी दारोगा अनूप सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर देने के दौरान सिपाही की रायफल से चली गोली, जांच शुरू

पार्थिव शरीर शुक्रवार की देर रात प्रतापगढ स्थित गांव लाया गया। शव आते ही गांव में कोहराम मच गया। उनकी पत्नी और बच्चों को रोते देख हर किसी की आंखें नम हो गईं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 10:30 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 12:36 PM (IST)
Kanpur Encounter : प्रतापगढ़ में बलिदानी दारोगा अनूप सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर देने के दौरान सिपाही की रायफल से चली गोली, जांच शुरू
Kanpur Encounter : प्रतापगढ़ में बलिदानी दारोगा अनूप सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर देने के दौरान सिपाही की रायफल से चली गोली, जांच शुरू

प्रयागराज, जेएनएन। पडोसी जनपद प्रतापगढ के मान्धाता थाना क्षेत्र के बेलखरी गांव निवासी बलिदानी दारोगा अनूप कुमार सिंह का पार्थिव शरीर देररात गांव लाया गया। शनिवार गांव की ही बेलखरी बाग में बलिदानी के अंतिम संस्‍कार से पहले गारद की ओर से फायरिंग कर सलामी दी गई। सलामी के बाद गारद में शामिल एक सिपाही की रायफल से दोबारा फायर हो गया। फायरिंग से खलबली मच गई। हालांकि गोली किसी को लगी नहीं है। मौके पर मौजूद एसपी अभिषेक सिंह ने गारद में शामिल सभी सिपाहियों की मैगजीन की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही शाम तक दोषी सिपाही खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।

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बलिदानी दारोगा के अंतिम दर्शन के लिए बडी संख्‍या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि, पुलिस और प्रशासन के अफसर गांव पहुंचे। अर्थी को विधायक डॉ आरके वर्मा , एसपी अभिषेक सिंह, सीडीओ डॉ अमित पाल शर्मा ने कंधा दिया। दारोगा के पिता रमेश बहादुर सिंह ने बेटे की चिता को मुखाग्नि दी।  

दस साल प्रयागराज में बतौर सिपाही रही तैनाती, 2015 बैच के थे दारोगा

कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गैैंग से मुठभेड़ में शहीद हुए प्रतापगढ़ जिले के अनूप सिंह की दारोगा के पद पर पहली तैनाती कानपुर में वर्ष 2017 में हुई थी। 21 वर्ष की उम्र में 2004 में कांस्टेबल पद पर उनका चयन हुआ था। वह आखिरी बार तीन माह पहले मां की तबीयत खराब होने पर उन्हें देखने आए थे। जिले के मानधाता थाना क्षेत्र के बेलखरी गांव निवासी दारोगा अनूप कुमार सिंह ने पुलिस विभाग में भर्ती होने के बाद 10 साल प्रयागराज में नौकरी की थी। सिपाही की नौकरी के दौरान भी उनमें दारोगा बनने का जुनून था। वह वर्ष 2015 बैच के दारोगा थे। 

 रात में पत्नी से बोले थे, एक-दो दिन में आऊंगा घर

प्रयागराज में रही पत्नी से दारोगा अनूप सिंह गुरुवार की रात फोन पर हुई बात के दौरान बोले थे कि एक-दो दिन में घर आऊंगा। हालांकि होनी को कुछ और ही मंजूर था। अनूप के आने से पहले उनके शहादत की खबर घर आ गई। आखिरी बार अनूप तीन महीने पहले मां के बीमार होने पर घर आए थे। बेलखरी निवासी दारोगा अनूप कुमार सिंह के पिता रमेश बहादुर सिंह रेलवे में फिटर पद पर लुधियाना में तैनात थे। वह 2014 में रिटायर हुए थे, तब से घर पर रहकर खेतीबारी कर रहे हैं। अनूप तीन भाइयों में मझला था। बड़े भाई आलोक सिंह हंडिया में यहां मामा के घर रहकर मेडिकल स्टोर का संचालन करते हैं। जबकि सबसे छोटा भाई अनुज सिंह घर पर रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के साथ स्टेट बैंक से ग्राहकों का स्वास्थ्य बीमा भी करता  हैं।

 प्रयागराज में किराए पर रहते थे बच्चे

दारोगा अनूप सिंह ने बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रयागराज शहर के अल्लापुर में किराए पर मकान ले रखा था। वहां उनकी पत्नी नीतू सिंह बेटी गौरी व बेटे श्रेयांस के साथ रहती हैं। बेटी सेंट मैरी स्कूल में कक्षा पांच की छात्रा है। जबकि बेटा अभी घर के पास एक कोचिंग सेंटर में शुरुआती शिक्षा ग्रहण कर रहा हैं। दारोगा अनूप सिंह करीब तीन महीने पहले मां जड़ावती के बीमार होने पर घर आए थे। यहां से मां को प्रयागराज में इलाज कराए थे और कुछ दिनों के लिए वहीं पत्नी के यहां के पास छोड़ गए थे। स्वास्थ्य में सुधार होने पर मां इन दिनों घर पर ही थीं। स्वजनों के अनुसार अनूप ने गुरुवार की रात पत्नी को फोनकर हाल चाल लिया और फिर एक-दो दिन में घर आने की बात कही थी। पर प्रकृति की कितनी विडंबना रही कि उनके आने के पहले उनकी शहादत की खबर घर आ गई। अनूप की शादी करीब 13 साल पहले सुल्तानपुर जिले के गरएं गांव की नीतू से हुई थी।


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