सरगना की गिरफ्तारी होने पर हो सकता है कई घटनाओं का राजफाश, Pratapgarh police के पास पूरा पता भी नहीं
प्रतापगढ़ में मुठभेड़ में गिरफ्तार तीन बदमाशों की कारगुजारियां पुलिस पता करने में लगी है। गिरोह का सरगना अरशद है जो प्रयागराज का रहने वाला है। उसका पूरा पता अब तक पुलिस के पास नहीं है। इसके पकड़े जाने पर कई और वारदातें खुल सकती हैं
प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ में मुठभेड़ में गिरफ्तार तीन बदमाशों की कारगुजारियां पुलिस पता करने में लगी है। गिरोह का सरगना अरशद है, जो प्रयागराज का रहने वाला है। उसका पूरा पता अब तक पुलिस के पास नहीं है। इसके पकड़े जाने पर कई और वारदातें खुल सकती हैं, ऐसी पुलिस को उम्मीद है। जो बदमाश मौके से भाग निकले हैं उनमें गुफरान पुत्र अफसर अली नरवा सिटी थाना कोतवाली नगर, इसी मोहल्ले का वकील उर्फ आजाद खान पुत्र अफसर अली भी शामिल है
कारगुजारियां पता करने में जुटी पुलिस
इन सबके अपराधों की लंबी की फेहरिस्त है। पुलिस का मानना है कि इनकी करतूत कई थानों में दर्ज होगी। इसकी खोजबीन प्रतापगढ़ पुलिस करेगी। मुठभेड़ में शामिल पुलिस टीम में स्वॉट टीम प्रभारी निरीक्षक मृत्युंजय मिश्रा, तहसीलदार तिवारी, राजेंद्र प्रसाद सिंह, सुरेश सिंह, महेंद्र प्रताप, पंकज दुबे, आरक्षी प्रवीण, आरक्षी जागीर सिंह, जाहिद अली और आरक्षी अरविंद भी शामिल रहे।
लूटकर बेच देते थे गाड़ी
यह गिरोह हाईवे पर सक्रिय रहकर लूट करता था। यह लोग चोरी की कार से घूमा करते थे। चौराहों पर खड़े रहते थे। जिस वाहन में माल लदा दिखे, लोग उसमें कम दिखें, उनके पीछे लग जाते थे। मौका पाकर ओवरटेक करके घटना करते थे। बाद में दूसरे जिलों में मौजूद अपने गिरोह से जुड़े लोगों के जरिए लूटा गया वाहन व माल बेच देते। पुलिस कई जिलों में उलझकर रह जाती थी। तब तक यह दूसरे प्रदेश निकल जाते थे। गाड़ी बेचने का ज्यादातर काम संजीत करता था, जो पकड़ा गया है।
अस्पताल में सहमे मरीज
गोली से घायल बदमाशों को लेकर रात में ही पुलिस अस्पताल पहुंची। उनकी मरहम पट्टी की गई। इसके बाद उनको वार्ड में भेजा गया। अस्पताल परिसर व वार्ड में भारी पुलिस बल व शातिर बदमाशों के भर्ती होने से मरीज परेशान रहे। उनमें डर पैदा हो गया था। कुछ मरीज तो बहुत देर तक जान ही न सके कि हुआ क्या है। वह अपने कंबल में दुबके रहे।