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विश्वविद्यालय में नई नियुक्तियां करना चुनौतियों से भरा काम

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की नवनियुक्त प्रथम महिला कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने कहा है कि विश्वविद्यालय में प्रत्येक विभाग में शिक्षकों की कमी होती जा रही है। रिक्त पदों पर कर्मचारियों व शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रयास किया जाएगा। यह प्रक्रिया एक साल में पूरी होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 07:09 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 07:09 PM (IST)
विश्वविद्यालय में नई नियुक्तियां करना चुनौतियों से भरा काम
विश्वविद्यालय में नई नियुक्तियां करना चुनौतियों से भरा काम

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की नवनियुक्त प्रथम महिला कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने कहा है कि इस विश्वविद्यालय की दरक रही ईटें दुखदायी हैं। प्रत्येक विभाग में शिक्षकों की कमी होती जा रही है। इस वजह से एनआइआरएफ रेटिंग भी गिर रही है। कहा कि इसमें सुधार का हर संभव प्रयास करेंगी।

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सोमवार को इविवि के नार्थ हाल में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में नई नियुक्तियां करना चुनौतियों से भरा काम है। कहा कि प्रत्येक विभाग में शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति में एक वर्ष का समय लग सकता है। हालांकि कल से ही इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा। बताया कि शिक्षकों की कमी पूरी होने पर एनआइआरएफ रैंकिंग में भी जरूर सुधार होगा। इसी क्रम में तृतीय श्रेणी के रिक्त करीब 400 पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। भर्तियों के लिए निकलेंगे नए आवेदन

विश्वविद्यालय में शिक्षकों व कर्मचारियों की भर्तियों के लिए फिर से विज्ञापन निकलेंगे। पूर्व में आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को भी दोबारा आवेदन करना होगा। इसकी वजह यह कि नियुक्ति के लिए निर्धारित योग्यता आदि में कई तरह के बदलाव आ चुके हैं। नई शिक्षा नीति के तहत नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे

प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि नई शिक्षा नीति को अमल में लाने के लिए भी विश्वविद्यालय कार्य योजना बनाएगा। 2023 से नई नीति के अनुसार पठन पाठन होगा। स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम चार साल के होंगे। इसमें ऐसे विषय भी पढ़ाए जाएंगे जिनसे विद्यार्थी विषय के ज्ञान के साथ कम से कम एक व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी पढ़ें। व्यक्तित्व विकास के लिए भी प्रयास होंगे। दूर होंगी ऑनलाइन पढ़ाई की बाधाएं

कोरोना काल में ऑनलाइन पठन पाठन पर जोर दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय में अभी किस तरह से कक्षाएं चलेंगी, इस सवाल पर कुलपति ने कहा कि इस पर आखिरी निर्णय मंत्रालय के दिशा निर्देश के अनुसार लिया जाएगा। फिलहाल अभी ऑनलाइन पढ़ाई में आने वाली बाधा को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय नई वेबसाइट भी विकसित करेगा। उस पर अधिक से अधिक अध्ययन सामग्री उपलब्ध होगी। शैक्षणिक वीडियो भी अपलोड कराए जाएंगे। लॉकडाउन के कारण सत्र में जो देरी हुई है उसकी भरपाई के लिए कोर्स में कमी लाने के साथ ही अध्यापन के लिए भी ठोस प्रयास होंगे। शैक्षिक कैलेंडर को किसी भी हाल में प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। विश्वविद्यालय की वेबसाइट की क्षमता बढ़ेगी

कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई को बेहतर करने के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। अन्य पोर्टल से भी इसे जोड़ा जाएगा जिससे छात्रों के लिए इसकी उपयोगिता बढ़े। शिक्षकों को भी प्रेरित किया जाएगा कि वे स्तरीय पाठ्य सामग्री अपलोड करें। पत्राचार संस्थान पर हो चुका है निर्णय

पत्राचार संस्थान को लेकर पूछे गए सवाल पर कुलपति ने कहा कि इस पर फैसला हो चुका है। पूर्व कुलपति प्रो. हागलू ने इसे बंद कर दिया। इस पर दोबारा कोई निर्णय नहीं होना है। बताया कि कुछ कर्मचारियों के बकाए का भुगतान भी कर दिया गया है। छात्रसंघ पर बाद में होगा फैसला

छात्रसंघ बहाल करने के संबंध में कहा अभी इस विषय पर कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। बाद में सभी शिक्षकों के साथ बैठक होगी। उसके अनुसार छात्रों के हित में निर्णय लिया जाएगा। अंग्रेजी विभाग में फ्रेंच व जर्मन की शुरू होगी पढ़ाई

कुलपति ने बताया कि नई शिक्षा नीति के प्रभावी होने पर नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे। खासकर प्रत्येक छात्र को कई भाषाओं की जानकारी हो इसके लिए प्रयास होंगे। इसी कड़ी में अंग्रेजी विभाग में जर्मन, फ्रेंच की भी पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। यह भी प्रयास होगा कि प्रत्येक विद्यार्थी को अंग्रेजी और संस्कृत भाषा की जानकारी जरूर हो। विश्वविद्यालय को बनाएंगे गरिमामय

प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने पूरा जोर इविवि की गरिमा को वापस लाने पर दिया। 'पंकज प्रसून की रचना लड़कियां बड़ी लड़ाकू होती हैं' को कोट करते हुए कहा कि मैंने कुलपति बनने से पहले इस विश्वविद्यालय में लड़कर एक विभाग खड़ा किया था। अब भाग्य ने अवसर दिया है तो विश्वविद्यालय के गौरव को वापस लाने के लिए भी लड़ूंगी। इसमें सभी शिक्षकों को साथ आना होगा।


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