प्रयागराज माघ मेला का प्रथम प्रमुख स्नान पर्व मकर संक्रांति बीता, फाफामऊ में पीपे का पुल नहीं बना
प्रयागराज माघ मेला में इस बार पीपा के दो पुल फाफामऊ में बनना था। पांच पांटून पुल माघ मेला क्षेत्र में बनाना था। माघ मेला क्षेत्र का पुल तो तैयार हो गया है लेकिन अभी तक फाफामऊ में पुल निर्माण के लिए पीपा ही नहीं जोड़ा गया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज माघ मेला शुरू हो चुका है, पहला प्रमुख स्नान पर्व मकर संक्रांति बीत भी चुका। फिर भी माघ मेला का काम अभी अधूरा ही है। अभी तक फाफामऊ में एक भी पीपे का पुल नहीं तैयार हो सका है। इसे माघ मेला में संबंधित विभाग की उदासीनता कह लें या फिर लापरवाही। इससे गंगा, यमुना के संगम में स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। फाफामऊ में पीपे का दो पुल बनाना है। तीन बार पुल बनाने की तिथि भी बीत चुकी है। इसके बाद भी अब तक कार्य की प्रगति नहीं दिख रही है।
फाफामऊ में पीपा पुल बनने में लग सकते हैं एक सप्ताह
माघ मेला के लिए इस बार पीपा के दो पुल फाफामऊ में बनना था। पांच पांटून पुल माघ मेला क्षेत्र में बनाना था। माघ मेला क्षेत्र का पुल तो तैयार हो गया है लेकिन अभी तक फाफामऊ में पुल निर्माण के लिए पीपा ही नहीं जोड़ा गया है। हालाकि पुल का निर्माण जहां पर होना है वहां पर पीपा पहुंचाया जा रहा है। एक सप्ताह से अधिक समय पीपा पुल तैयार होने में लग सकता है।
पांटून पुल निर्माण की तीन बार समय सीमा बीती
गंगापार से माघ मेला आने वाले लोग बिना शहर में इंट्री किए ही मेला क्षेत्र पहुंंच सकें, इसके लिए दो पांटून पुल बनाने का निर्णय लिया गया है। लोगों की सुविधा के लिए पीपा पुल निर्माण का पूरा काम 31 दिसंबर तक पूरा किया जाना था। उसके बाद समय बढ़ाते हुए पांच जनवरी की गई। पिछले दिनों की बारिश के कारण पुल निर्माण की तिथि को तीसरी बार बढ़ाते हुए 10 जनवरी किया गया। हालांकि 16 जनवरी के बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। मेला क्षेत्र में महावीर, त्रिवेणी, काली, गंगोली शिवाला और ओल्ड जीटी पर पीपा पुल का निर्माण किया जा चुका है। फाफामऊ से माघ मेला क्षेत्र तक चकर्ड प्लेट भी नहीं बिछाई गई है।
20 किलोमीटर बिछानी है चकर्ड प्लेट
माघ मेला के लिए पीडब्ल्यूडी को 80 किलोमीटर में चकर्ड प्लेट बिछानी है। इसमें से अभी तक 60 किलोमीटर तक चकर्ड प्लेट बिछाई गई है। 20 किलोमीटर तक अभी और चकर्ड प्लेट अभी नहीं बिछाई गई है। प्रमुख मार्गों पर भी अभी चकर्ड प्लेट को लगाने का काम बाकी पड़ा है।