टला बड़ा हादसा, रेलवे डाट पुल से टकराया गैस टैंकर, आने वाली थी लिच्छवी एक्सप्रेस, तीन घंटे ठप रहा वाराणसी रूट
सीएमपी डिग्री कालेज के पास रेलवे डाट पुल से गैस टैंकर टकरा गया। टक्कर इतनी तेज थी कि पुल के आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। रेलवे ट्रैक भी टेढ़ा हो गया। अगर इस दौरान पुल से कोई ट्रेन गुजरती तो वह पटरी से उतर जाती
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सीएमपी डिग्री कालेज के पास रेलवे डाट पुल (आरयूबी) से गैस टैंकर टकरा गया। टक्कर इतनी तेज थी कि पुल के आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और रेलवे ट्रैक भी टेढ़ा हो गया। अगर इस दौरान पुल से कोई ट्रेन गुजरती तो वह भी डीरेल हो जाती यानी पटरी से उतर जाती। यहां तैनात रेल कर्मी की सतर्कता से एक बड़ा रेल हादसा टल गया। घटना मंगलवार की भोर में लगभग साढ़े तीन बजे हुई। गनीमत रही कि दुर्घटना के समय पुल से कोई ट्रेन नहीं गुजर रही थी वरना कुछ भी हो सकता है।
सूचना मिलते ही स्टेशन मास्टर ने बंद करा दी ट्रेनों की आवाजाही
पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल अंतर्गत पुल नंबर 122 (सीएमपी डाट पुल) प्रयागराज से वाराणसी जाने के लिए प्रमुख रूट है। इसी ट्रैक से दुर्घटना के पांच मिनट बाद लिच्छवी एक्सप्रेस को गुजरना था, लेकिन घटना स्थल सीएमपी कालेज रेलवे डाट पुल के पास तैनात रेल कर्मी ने दुर्घटना की सूचना रामबाग स्टेशन मास्टर को दी, जिसके बाद ट्रेनों का संचालन इस रूट पर बंद कर दिया गया। जो ट्रेनें जहां थी उन्हें वही रुकने और अगले आदेश का इंतजार करने का निर्देश दिया गया। दूसरी ओर सूचना पर रेलवे अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे। टैंकर के चक्कों से पहिया निकालने के साथ कड़ी मशक्कत करते हुए टैंकर को पुल के नीचे से बाहर निकाला गया। इस रास्ते से ट्रक और टैंकर के जाने पर मनाही है। टैंकर के पुल से टकराने के बाद ड्राइवर उतरकर भाग गया था।
इस दौरान लगभग तीन घंटे तक प्रयागराज वाराणसी रूट पर ट्रेनों का संचालन ठप रहा। ट्रैक को दुरूस्त करने के बाद सुरक्षा के मद्देनजर कासन पर मात्र 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें आगे बढ़ाई गई। लिच्छवी एक्सप्रेस को प्रयागराज रामबाग स्टेशन से भोर में 3.32 बजे जाना था, लेकिन यह सुबह 6.10 बजे वाराणसी की ओर रवाना हो सकी। वाराणसी मंडल के पीआरओ अशोक कुमार ने बताया कि घटना के बाद सभी जरूरी सावधानी बरती जा रही है। रेलवे की तकनीकी टीम पुल और ट्रैक की जांच कर रही है। सुरक्षा के आकलन के बाद पुल को दुरूस्त कराया जाएगा। फिलहाल ट्रेनों को यहां से कासन पर ही चलाने का आदेश दिया गया है।