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Maharishi Mahesh Yogi : महर्षि ने प्रयागराज के संगम पर रोपवे बनाने की बनाई थी योजना, यूपी सरकार को भेजा था प्रस्ताव

महर्षि महेश योगी का प्रयागराज से काफी लगाव था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने के दौरान उन्हें अपने गुरू शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती का सानिध्य मिला था। अलोपीबाग आश्रम में उन्होंने काफी दिन बिताए भी थे। गंगा-यमुना के तट अरैल में योगी ने काफी बड़ा आश्रम भी बनवाया था।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 05 Feb 2021 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2021 07:00 AM (IST)
Maharishi Mahesh Yogi : महर्षि ने प्रयागराज के संगम पर रोपवे बनाने की बनाई थी योजना, यूपी सरकार को भेजा था प्रस्ताव
प्रो.जगदंबा सिंह बताते हैं कि महेश योगी प्रयागराज के लिए काफी कुछ करना चाहते थे।

प्रयागराज, जेएनएन। महर्षि महेश योगी का प्रयागराज से काफी लगाव था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने के दौरान उन्हें यहीं अपने गुरू शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती का सानिध्य मिला था। अलोपीबाग आश्रम में उन्होंने काफी दिन बिताए भी थे। गंगा-यमुना के तट अरैल में योगी ने काफी बड़ा आश्रम भी बनवाया था। इसकी स्थापना उन्होंने 1989 में स्वयं की थी। इसी दौरान उन्हें अरैल से संगम व किला घाट तक रोपवे बनाने का विचार आया था। नीदरलैंड आश्रम में महेश योगी ने इस प्रोजेक्ट को बनवाया था। 1998-99 में इस प्रोजेक्ट पर उन्होंने काम भी शुरू किया था। हालांकि उस समय इस प्रोजेक्ट  पर विवाद भी खूब हुआ था।  

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अड़चन आने पर सरकार ने प्रोजेक्ट नहीं दी थी स्वीकृति
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रसायनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष रहे प्रो.जगदंबा सिंह बताते हैं कि महेश योगी प्रयागराज के लिए काफी कुछ करना चाहते थे। अरैल में उन्होंने बहुत भव्य और बड़ा आश्रम बनाया था। इसे भारतीय संस्कृति, धर्म अध्यात्म की शिक्षा का केंद्र बनाया था। यहां से शिक्षित छात्रों को विदेश ले जाकर भारतीय संस्कृति का खूब प्रचार प्रसार किया था। महेश योगी ने अरैल के अपने आश्रम से संगम एवं किला घाट तक रोपवे बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया था। 1998-99 में उत्तर प्रदेश सरकार को प्रोजेक्ट बना कर भेजा गया था। उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। शासन में यह प्रस्ताव काफी दिन अटका रहा। इसको लेकर विवाद भी हुआ था। हालांकि शासन स्तर पर इसको लेकर विचार हुआ था। पर यह योजना फलीभूत नहीं हो पाई थी। सरकार ने बाद में इस प्रोजेक्ट को स्वीकृत नहीं दी थी। 

 
80 फिट गहरे गडढे में जाकर किया था योगी ने अरैल आश्रम का शिलान्यास
महर्षि महेश योगी ने अरैल आश्रम का शिलान्यास 1989 में किया था। जिस जगह आश्रम बना है वहां 80 फिट गहरे गडढे में जाकर उन्होंने तीन पंडितों के साथ आश्रम की नींव रखी थी। उस समय उनके साथ दारागंज निवासी भूदेव शुक्ल भी थे। भूदेव से महेश योगी के गहरे संबंध थे। उनसे वे अपने गुरू स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती के अंबेडकर नगर स्थित गांव सुरहुरपुर में चल निर्माण की जानकारी भी लिया करते थे। दर्शनशास्त्री प्रो.ऋषिकांत पांडेय बताते हैं कि महेश योगी का प्रयागराज के लोगों से टच बना हुआ था। अपने लोगों का वे हालचाल लेते रहते थे। इसीलिए वे अपना अंतिम समय प्रयागराज में ही बिताना चाहते थे। इस इच्छा की उन्होंने अपने निकटस्थ लोगों से चर्चा भी की थी। हालांकि उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई थी लेकिन उनका अंतिम संस्कार यहीं हुआ।


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