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सजा दिलाने में अहम होगा महंत का वीडियो

महंत नरेंद्र गिरि मृत्यु प्रकरण में विशेष जांच दल (एसआइटी) को जो सबसे अहम क्यू मिला है वह है महंत का वीडियो।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 01:27 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 01:27 AM (IST)
सजा दिलाने में अहम होगा महंत का वीडियो
सजा दिलाने में अहम होगा महंत का वीडियो

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : महंत नरेंद्र गिरि मृत्यु प्रकरण में विशेष जांच दल (एसआइटी) को जो सबसे अहम जो साक्ष्य मिला है वह है उनके मोबाइल में कैद उनका वीडियो। कहा जा रहा है कि अभियुक्तों को सजा दिलाने में यह अहम सबूत होगा। दो मिनट से अधिक समय के इस वीडियो में उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप पर परेशान करने का आरोप लगाया है। मठ और मंदिर से जुड़े दायित्वों की अलग-अलग जिम्मेदारी संभालने वालों का भी उल्लेख है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वीडियो में कमोवेश वही बातें हैं जो सुसाइड नोट में लिखी गई हैं।

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एसआइटी के एक सदस्य ने जागरण को बताया कि घटना से जुड़े सभी वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित किए जा रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल काल रिकार्डिंग और वीडियो जैसे सबूत जुटाए गए हैं। पूरे मामले में महंत के शिष्यों, सेवादारों और मठ से जुड़े लोगों का बयान भी महत्वपूर्ण होगा। जार्जटाउन थाने में अमर गिरि की तहरीर पर आनंद गिरि के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज है। इस धारा में 10 वर्ष कारावास और जुर्माने से दंडित करने का प्रविधान है। यही आरोप आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप पर भी है।

इनसेट

संदीप के मोबाइल में मिला महंत से जुड़ा आडियो

जासं, प्रयागराज : अखाड़ा परिषद अध्यक्ष को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल भेजे गए संदीप तिवारी के मोबाइल से एसआइटी को एक आडियो मिला है। इसमें महंत नरेंद्र गिरि को लेकर अमर्यादित भाषा का भी प्रयोग है। इस आधार पर माना गया है कि वह नरेंद्र गिरि का विरोध करता था। कोर्ट में उसे पेश करने से पहले एसआइटी ने गुरुवार को भी लंबी पूछताछ की। सूत्रों का कहना है कि आडियो करीब तीन मिनट का है। इसमें संदीप एक शख्स से बातचीत में महंत के बारे में अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है। इस बारे में संदीप से पूछताछ की गई तो उसने कहा कि उसे मंदिर से दूर कर दिया गया था। मठ में भी नहीं आने-जाने दिया जाता था। संदीप के मोबाइल को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजने की बात कही जा रही है।


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