Mahant Narendra Giri Death Case: सीबीआइ के रडार पर बिल्डर और लड्डू माफिया भी, महंत से बनाई थी दूरी
Mahant Narendra Giri Death Case इस प्रकरण में लड्डू माफिया व बिल्डर की भूमिका की जांच के लिए जल्द ही सीबीआइ की टीम दोनों से पूछताछ कर सकती है। पुलिस की विशेष जांच दल इनका कनेक्शन नहीं खोज पाई थी मगर अब जांच एजेंसी के हाथ कुछ सुराग मिले हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में अब सीबीआइ के रडार पर एक बिल्डर और लड्डू माफिया भी आ गया है। अब तक की छानबीन में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि इन दोनों का महंत से अच्छा संबंध था और पैसों का लेनदेन होता था। वहीं कुछ माह पहले ही उन्होंने अचानक नरेंद्र गिरि से दूरी बना ली थी। साथ ही आनंद गिरि से नजदीकियां बढ़ गई थीं।
एसआइटी कनेक्शन नहीं खोज सकी थी
अब इस प्रकरण में उनकी भूमिका की जांच के लिए जल्द ही सीबीआइ की टीम दोनों से पूछताछ कर करेगी। बताया जाता है पुलिस की विशेष जांच दल (एसआइटी) इनका कनेक्शन नहीं खोज पाई थी, मगर अब जांच एजेंसी के हाथ कुछ सुराग मिले हैं।
जानें क्या था मामला
सूत्रों का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरि ने अपने परम शिष्य आनंद गिरि को एक पेट्रोल पंप के लिए जमीन देने की बात कही थी। हालांकि बाद में उन्होंने जमीन देने से इन्कार कर दिया था। इसको लेकर उनके बीच अनबन शुरू हो गई थी। इसी बीच महंत का संपर्क एक बिल्डर से हुआ, जिसने जमीन खरीदने के संबंध में चर्चा की थी। साथ ही उनके बीच पैसे के लेनदेन भी हुआ था।
बिल्डर ने लड्डू माफिया से पैरवी करवाई थी
कहा जा रहा है कि बिल्डर से जब महंत ने अपने पैसे मांगे तो वह हीलाहवाली करने लगा। इससे परेशान होकर उसने लेटे हनुमान मंदिर में लड्डू की दुकान चलाने वाले कथित लड्डू माफिया से पैरवी करवाई। यह बात नरेंद्र गिरि को नागवार गुजरी और फिर उन्होंने उससे दुकान लेकर किसी और को दे दी थी। इस घटनाक्रम के बाद उनका संबंध आनंद गिरि से हो गया था। सूत्रों का यह भी दावा है कि बिल्डर और लड्डू माफिया के अलावा सीबीआइ की टीम उन लोगों से भी सवाल-जवाब करके जिनके नाम का जिक्र सुसाइड नोट में हुआ है।