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Magh Purnima 2021: प्रयागराज के संगम में सात लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

Magh Purnima 2021 प्रयागराज माघ मेला में माघ पूर्णिमा के अवसर पर संगम समेत गंगा के विभिन्‍न स्‍नान घाटों पर स्‍नान और पूजन का सिलसिला अनवरत जारी है। दोपहर 12 बजे तक पांच लाख श्रद्धालु स्‍नान कर चुके थे। दोपहर में भीड़ बढ़ गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 08:48 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 07:56 PM (IST)
Magh Purnima 2021: प्रयागराज के संगम में सात लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
माघी पूर्णिमा पर प्रयागराज माघ मेला में गंगा, यमुना के पावन संगम में श्रद्धालु डुबकी लगा रहे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। माघी पूर्णिमा पर प्रयागराज के संगम समेत गंगा के विभिन्‍न स्‍नान घाटों पर स्‍नानार्थियों की भीड़ है। दोपहर 12 बजे तक पांच लाख श्रद्धालु आस्‍था की डुबकी लगा चुके थे। सुबह तो मेला क्षेत्र में अपेक्षाकृत भीड़ कम थी लेकिन दोपहर में अचानक भीड़ बढ़ने लगी। दोपहर में मेला क्षेत्र में वाहनों की भी संख्‍या बढ़ गई। पुलिस को ट्रैफिक कंट्रोल करने में मशक्‍कत करनी पड़ी। शाम चार बजे तक साढ़े लाख श्रद्धालु डुबकी लगा चुके थे। प्रशासन के मुताबिक माघी पूर्णिमा पर संगम में लगभग सात लाख श्रद्धालुओं ने स्‍नान किया।

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माघी पूर्णिमा पर प्रयागराज के संगम में सुबह 10 बजे तक तीन लाख लोगों ने डुबकी लगाई। संगम समेत गंगा के विभिन्‍न स्‍नान घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी है। दोपहर में भीड़ बढ़ने की संभावना है। गंगा, यमुना व अदृश्‍य सरस्‍वती के पावन संगम में स्‍नान के बाद श्रद्धालु पूजन-अर्चन के साथ दान कर रहे हैं। गंगा के विभिन्‍न स्‍नान घाटों पर आस्‍था उमड़-घुमड़ रही है। माघ मेला में यह पांचवां स्‍नान पर्व है। इसी के साथ ही संगम की रेती पर लगने वाले एक माह के माघ मेले में कल्‍पवास का समापन होगा।

दोपहर 12.24 बजे तक स्नान का विशेष मुहूर्त : ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि पूर्णिमा तिथि शुक्रवार की दोपहर 2.53 बजे लग गई थी जो  शनिवार की दोपहर 1.51 बजे तक रहेगी। दिन मघा नक्षत्र शनिवार की दोपहर 12.24 बजे तक है। स्नान का विशेष योग मघा नक्षत्र के रहने के दौरान है। मकर राशि में वृहस्पति, बुध व शनि का संचरण होने से त्रिग्रहीय योग का संयोग बन रहा है।

गंगा जल, कैलेंडर और रामचरित मानस लेकर लौट रहे: संगम में पुण्य की डुबकी लगाने दूर दराज से आए श्रद्धालु गंगा जल, कैलेंडर, रामचरित मानस और जनेऊ लेकर लौटने लगे हैं। मां गगा की कृपा से बहुतों के काम सफल हुए है। वह दान दक्षिणा कर संतों के दर्शन कर रहे हैं।

14 जनवरी से संगम तट पर लगा माघ मेला अब समापन की ओर से है। शनिवार को पांचवें स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर लाखों लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई और मां गंगा से जन कल्याण की कामना की।

15 साल से दिल्‍ली से लगातार आते रहे हें प्रयागराज तिवारी : दिल्ली से आए प्रयागराज तिवारी से गंगा स्नान करके आज लौट रह हैं। वह चार दिन से संगम तट पर रहकर स्नान किए और संतों के दर्शन किए। साथ ही सत्संग भी सुना। लौटते समय वह अपने साथ गंगा जल लेकर जा रहे हैं। साथ ही आधा दर्जन पंचांग लिया। वह साल यहां पर स्नान करने आते हैं। पिछले करीब 15 साल से उनका यहां पर आना जाना है। बताते हैं कि मां गंगा की कृपा से उनका दिल्ली में कारोबार बहुत अच्छा चल रहा है। उनका वहां पर मेडिकल का कारोबार है। पिछले एक दशक से उनका परिवार इस धंधे में लगा है। वह माघ मेला से हर साल कैलेंडर ले जाते हैं। इसमें कुछ वह अपने मित्रों को भी बांट देेंगे। साथ ही राम चरित मानस और जनेऊ भी खरीदा है।

संतों की हरिद्वार कुंभ में जाने की तैयारी है: माघी पूर्णिमा स्नान के बाद 11 मार्च को महाशिवरात्रि का आखिरी स्नान पर्व है। हालांकि पूर्णिमा के बाद ही तमाम लोग घर को लौटने लगे हैं। अब गर्मी भी बढ़ गई है और कल्पवास भी पूरा हो है। आज का स्नान करने के बाद संत हरिद्वार कुंभ में जाने की तैयारी में हैं।

शनिवार होना कल्याणकारी है: पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार किसी अनुष्ठान का आरंभ अथवा समापन मंगलवार व शनिवार के दिन होना शुभ होता है। अबकी कल्पवास शनिवार को खत्म हो रहा है। यह हर कल्पवासियों के लिए कल्याणकारी है।

संगम में श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा: माघी पूर्णिमा पर संगम में पुण्य की डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं पर जिला शासन की ओर से फूलों की वर्षा की जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर फूलों की वर्षा हेलीकाप्टर से कराई जा रही है। पुष्प वर्षा का गंगा स्नान कर रहे लोगों ने हर हर गंगे के जयघोष के साथ स्वागत किया। पुष्प वर्षा के लिए लखनऊ से राजकीय हेलीकॉप्टर आया है। यह हेलीकॉप्टर पुलिस लाइन से उड़ान भरा और संगम फूलों की बारिश की। करीब 11 बजे तक कई राउंड में संगम पर फूलों की वर्षा की जाएगी। इस बार माघ मेला में फूलों की वर्षा दूसरी बार हो रही है। इससे पहले मौनी अमावस्या पर भी फूलों की वर्षा हो चुकी है।

माघ मेला का पांचवां स्‍नान पर्व : प्रयागराज माघ मेला में पहला स्‍नान पर्व मकर संक्रांति था। दूसरा पौष पूर्णिमा फिर सबसे महत्‍वपूर्ण स्‍नान पर्व मौनी अमावस्‍या का था। उसके बाद वसंत पंचमी और अब माघी पूर्णिमा का आज यानी शनिवार को स्‍नान पर्व है। पौष पूर्णिमा के दिन से संगम की रेती पर एक माह के कल्‍पवास की शुरूआत हुई थी। शिविरों में रहकर आस्‍थावान गंगा स्‍नान, पूजन और भजन-कीर्तन में जुटे रहे। या यूं कह लें कि एक माह तक श्रद्धालुओं ने संगम क्षेत्र में तप किया।

एक माह का कल्‍पवास आज समाप्‍त हो जाएगा : संगम तीरे माहभर से चल रहा कल्पवास माघी पूर्णिमा स्नान पर्व से समाप्त हो जाएगा। पौष पूर्णिमा से रेती पर भजन, पूजन करने वाले गृहस्थ शनिवार को संगम में पुण्य की डुबकी लगाकर लौट जाएंगे। लौटते समय साथ ले जाएंगे संतों से मिले धार्मिक संस्कार, दीक्षा व संगमनगरी में बिताए पल के सुनहरे संस्मरण। कल्पवासियों के साथ संत-महात्मा भी अपने मठ-मंदिर रवाना हो जाएंगे। अधिकतर महात्मा यहां से वृंदावन व हरिद्वार जाएंगे।संतों व कल्पवासियों का शिविर शुक्रवार से उखडऩे लगेंगे।


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