Move to Jagran APP

माघ मेला में पानी से त्राहि त्राहि, गंगा का जल स्तर बढ़ने और कटान से शिविरों में घुसा पानी

साधु-संतों और कल्पवासियों को गंगा के पानी ने ही परेशान कर दिया है। गंगा का जल स्तर बढ़ने और कटान से चार दर्जन से अधिक शिविरों में पानी भर गया है। प्रभावित लोगों ने अपने सामान को दूसरे के शिविरों में पहुंचाने के लिए दिनभर मशक्कत किया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 04:24 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 04:24 PM (IST)
माघ मेला में पानी से त्राहि त्राहि, गंगा का जल स्तर बढ़ने और कटान से शिविरों में घुसा पानी
गंगा का जल स्तर बढ़ रहा है जिससे उफनाया पानी कल्पवासियों के शिविरों में जा रहा है

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। संगम तीरे जप-तप करने आए साधु-संतों और कल्पवासियों को गंगा के पानी ने ही परेशान कर दिया है। गंगा का जल स्तर बढ़ने और कटान से सेक्टर दो और तीन में चार दर्जन से अधिक शिविरों में पानी भर गया है। प्रभावित लोगों ने अपने सामान को दूसरे के शिविरों में पहुंचाने के लिए दिनभर मशक्कत किया। पानी बढ़ने से कटान तेज हो गई है। पीपा पुलों के पास कटान रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से बोरी में बालू भर कर मेड़ बनाई जा रही है। इससे पहले मंगलवार को जलस्तर बढ़ने और कटान होने से पुल नंबर दो त्रिवेणी पर दिन भर आवागमन बंद कर दिया गया। बुधवार को कटान से तमाम शिविरों तक पानी पहुंचने पर कल्पवासी बाहर आकर खड़े हो गए। प्रशासन के साथ ही पीडब्लूडी और सिंचाई विभाग की टीम भी पहुंची।

prime article banner

कानपुर बैराज से रोज 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने से है यह मुसीबत

सोमवार को भोर से संगम क्षेत्र में तेजी से जलस्तर बढ़ने लगा था। यह सिलसिला मंगलवार के बाद बुधवार को भी जारी रहा। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि संगम क्षेत्र में जलस्तर चार दिनों तक इसी तरह से बढ़ता रहेगा। कानपुर बैराज से गंगा में 20 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। यह पानी अब प्रयागराज पहुंच रहा है। इस पानी के आने से कटान बढ़ गया और शिविर में भी पानी घुस गया। जलस्तर बढ़ने से पांटून पुलों पर खतरा मंडराने लगा। त्रिवेणी और काली पुल पर झूंसी की तरफ कटान होने लगा। त्रिवेणी पुल के सामने ज्यादा पानी भरा तो उस पर से दिनभर आवागमन बंद रखा गया। पीडब्ल्यूडी की जूनियर इंजीनियर श्वेता सिंह ने बताया कि त्रिवेणी पुल के सामने से चकर्ड प्लेट हटाकर दोबारा मिट़्टी डालकर रास्ता तैयार किया गया है। शाम को आवागमन शुरू कर दिया गया था लेकिन बुधवार को स्थिति और खराब होती गई

77 मीटर के पार हो गया गंगा का जलस्तर

सिंचाई विभाग के अनुसार माघ मेला के दौरान संगम क्षेत्र में अक्सर 74 से 75 मीटर के आसपास जलस्तर रहता है। लेकिन इस बार फाफामऊ का जलस्तर मेला शुरू होने के दस दिन पहले से ही 75 मीटर के पार रहा। मंगलवार को ही जलस्तर 77 मीटर के पार पहुंच गया था जिसमें बुधवार को भी कमी नहीं आई।

44 संस्थाओं का बदला गया स्थान पर खतरा बढ़ रहा

माघ मेला क्षेत्र के सेक्टर दो स्थित गंगदीप में शिविरों में पानी भर गया। इससे 44 संस्थाएं प्रभावित हुई। कमिश्नर संजय गोयल के निर्देशों पर मेला अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे अरविंद कुमार चौहान ने इन सभी को सेक्टर पांच में स्थापित कराया। इस सेक्टर में सभी संस्थाओं के लिए बिजली, पानी जैसी अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। इसके अतिरिक्त गंगदीप में स्थापित प्रयागवाल के प्रभावित लोगों को भी सेक्टर पांच में स्थानांतरित कर दिया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.