माघ मेला में लोगों को भटकना नहीं पड़े इसलिए पहली बार की जा रही कलर कोडिंग
मेला क्षेत्र में जितने भी खोया पाया केंद्र बनेंगे उनके ऊपर विशेष गुब्बारे लगाए जाएंगे। जिससे लोग उसे दूर से ही देख लें और वहां पर पहुंच सके। इसी तरह पुलिस थानों के ऊपर भी गुब्बारे लगाए जाएंगे। उसमें थानों का नाम भी लिखा रहेगा।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। लोगों को भटकना नहीं पड़े इसलिए इस बार माघ मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कलर कोडिंग की गई है। ऐसा प्रयोग पहली बार किया जा रहा है। कलर कोडिंग खोया पाया केंद्र, पुलिस थानों और शौचालय के ऊपर की गई है। ऐसा इसलिए ताकि श्रद्धालुओं को इन स्थलों तक पहुंचने के लिए इधर उधर पूछना और खोजना नहीं पड़े। पिछले दिनों कमिश्नर संजय गोयल ने इसके लिए आदेश दिया था। अब माघ मेला क्षेत्र में इस दिशा में काम शुरू हो गया है।
दूर से ही दिख जाएगा बैलून तो पहुंचने में होगी आसानी
माघ मेले के दौरान लाखों की भीड़ होती है। इस मेले में लोग अपनों से बिछुड़ते हैं तो खोया पाया केंद्र पर ही जाकर मिलते हैं। खोया पाया केंद्र की आवाज पूरे मेले में गूंजती है। लेकिन दूर दराज गांवों से आए लोग अक्सर उस केंद्र तक भी नहीं पहुंच पाते हैं। इसलिए मेला क्षेत्र में जितने भी खोया पाया केंद्र बनेंगे, उनके ऊपर विशेष गुब्बारे लगाए जाएंगे। जिससे लोग उसे दूर से ही देख लें और वहां पर पहुंच सके। इसी तरह पुलिस थानों के ऊपर भी गुब्बारे लगाए जाएंगे। उसमें थानों का नाम भी लिखा रहेगा। इसे देखकर श्रद्धालु कोई समस्या होने पर थाने तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा शौचालयों के ऊपर रंगीन लाइट लगाई जाएगी।
मेला में बनेगा क्लाक रूम
स्नानार्थी स्नान के समय अपना सामान सुरक्षित रख सकें। इसलिए मेला प्रशासन ने क्लॉक रूम की भी व्यवस्था की है। सभी घाटों पर क्लॉक रूम बनाए जाएंगे। जहां पर सभी स्नानार्थी निशुल्क अपना सामान सुरक्षित रख सकेंगे। मेला अधिकारी शेषमणि पांडेय ने बताया कि जल्द ही सभी व्यवस्थाएं कर दी जाएगी।