Magh Mela 2022: बिना लल्लू जी एंड संस के बसेगा अबकी गंगा किनारे तंबुओं का शहर
संगम तट पर कुंभ अर्द्ध कुंभ और माघ मेला में पिछले सौ सालों से लल्लू जी एंड संस कंपनी तंबुओं का शहर बसा रही है। 2019 में हुए अर्द्ध कुंभ के दौरान लल्लू जी एंड संस प्रबंधन का प्रशासन से विवाद हुआ तो ठेका लेना बंद कर दिया
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इस बार भी बिना लल्लू जी एंड संस के ही संगम तट पर तंबुओं का अस्थाई शहर बसेगा। तंबुओं का शहर बसाने के लिए मेला प्रशासन ने छह टेंट कंपनियों को ठेका दिया है। पहले जो काम एक कंपनी किया करती थी, अब उसी काम को छह कंपनियां मिलकर करेंगी। 22 दिसंबर से जमीन का आवंटन शुरू होगा, उसके बाद से टेंट कंपनियों का काम शुरू होगा।
माघ मेला बसाने के लिए छह कंपनियों को दिया गया ठेका
संगम तट पर कुंभ, अर्द्ध कुंभ और माघ मेला में पिछले सौ सालों से लल्लू जी एंड संस कंपनी तंबुओं का शहर बसा रही है। एक ही कंपनी पूरा मेला क्षेत्र में टेंट, टीन घेरा, बिस्तर आदि की सप्लाई करती रही। 2019 में हुए अर्द्ध कुंभ के दौरान लल्लू जी एंड संस प्रबंधन का प्रशासन से विवाद हो गया है। कंपनी ने दो करोड़ से अधिक का बिल दिया तो प्रशासन ने उसका पूरा भुगतान नहीं किया। बिल में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए 45 फीसदी रकम की कटौती कर दी। इसके खिलाफ लल्लू जी एंड संस प्रबंधन हाईकोर्ट चला गया और फिर माघ मेला के लिए टेंट का ठेका लेना बंद कर दिया।
ऐसे में 2020 में जिला प्रशासन ने आधा दर्जन से अधिक दूसरी कंपनियों से काम करवाया। 2021 में भी लल्लू जी एंड संस ने काम नहीं किया। इस बार फिर से उन्होंने टेंडर में भाग नहीं लिया। इसलिए पूरे मेला क्षेत्र में टेंट लगाने के लिए देशभर की कई बड़ी कंपनियों ने टेंडर भरा था। पिछले हफ्ते टेंट का टेंडर फाइनल हो गया है। इस बार लल्लू जी गोपालदास एंड संस प्रयागराज, लल्लूजी डेरा वाले प्राइवेट लिमिटेड, लल्लूजी ब्रदर्स, लल्लू जी टेंट कंपनी वाराणसी, जीकेएस प्रोजेक्ट एंड इवेंट कंपनी आगरा और आइडेस्ट कंपनी नई दिल्ली को ठेका मिला है। जमीन आवंटन के बाद इनका काम शुरू हो जाएगा। फिर मेला बसाने का काम 10 जनवरी तक चलेगा।