Magh Mela 2021: संगम तीरे रेलवे की विकास यात्रा और सेवा भाव के दर्शन Prayagraj News
देशभर से पुण्य की डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं के लिए यह प्रदर्शनी जानकारी का खजाना है। यहां लगा प्रत्येक ग्लोशाइन बता रहा है कि कितनी मुस्तैदी से रेलकर्मियों ने अपनी ड्यूटी निभाई। यात्रियों के लिए ही नहीं बल्कि संक्रमितों के लिए भी काम किया।
प्रयागराज, [अतुल यादव]। देश में ट्रेनों के पहिए लॉकडाउन के दौरान ठहरे जरूर, लेकिन रेलवे का सेवा भाव नहीं रुका। संवेदनाओं के साथ जो सफर 16 अप्रैल 1853 में शुरू हुआ था वह महामारी के दौर में भी जारी रहा। इस बात की गवाही दे रही है उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) की ओर से संगम तीरे लगी प्रदर्शनी।
देशभर से पुण्य की डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं के लिए यह प्रदर्शनी जानकारी का खजाना है। यहां लगा प्रत्येक ग्लोशाइन बता रहा है कि कितनी मुस्तैदी से रेलकर्मियों ने अपनी ड्यूटी निभाई। यात्रियों के लिए ही नहीं बल्कि संक्रमितों के लिए भी काम किया। प्रदर्शनी का पहला ग्लोशाइन ही कह रहा है कि कोरोना काल में कुल 375 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाकर करीब साढ़े पांच लाख यात्रियों को उनके घर पहुंचाया। फ्रंट लाइन रेलकर्मियों को कोरोना से बचाने के लिए सैनिटाइजेशन, थर्मल आदि की व्यापक व्यवस्था कराई गई।
भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयारी
वर्ष 2021-22 में पूर्वी डीएफसी के खुलने से माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि होगी। प्रयागराज, कानपुर समेत अन्य चयनित स्टेशनों का विकास, दिल्ली-हावड़ा मार्ग को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार देने के लिए काम किया जा रहा है। शत-प्रतिशत विद्युतीकरण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा मुख्य रेल मार्गों को मानव युक्त क्रासिंग रहित बनाने की तैयारी की जा रही है।
शिविर में आरक्षण टिकट और पूछताछ काउंटर भी
बाहर से माघ मेला और संगम में डुबकी लगाने आने वाले श्रद्धालु के लिए एनसीआर की ओर से एक आरक्षण टिकट काउंटर व एक पूछताछ काउंटर भी खोला गया। चूंकि बगैर आरक्षित टिकट के सफर नहीं किया जा सकता है। इसलिए यात्री लौटने का टिकट भी बुक करा सकते हैं।