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हौसले को बनाया हथियार, जीत ली जंग

कोरोना से जंग जीतने वालों ने अब वाटसएप व फेसबुक के जरिए लोगों को वायरस पर जीत हासिल करने का मंत्र बता रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 06:47 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 06:47 PM (IST)
हौसले को बनाया हथियार, जीत ली जंग
हौसले को बनाया हथियार, जीत ली जंग

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : कोरोना से बचाव के लिए सरकारी इंतजाम तो हो रहे हैं लेकिन इससे लड़ने के लिए खुद भी हौसला बनाए रखना होगा। तेजी से फैलते संक्रमण के चलते जनपद में करीब चार हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं तो आधे से अधिक ठीक भी हो चुके हैं। कोरोना से डरना नहीं बल्कि इसके साथ जी कर जीतना है। जी हा, इन दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों को यही संदेश दे रहे हैं कोरोना से ठीक हो चुके रेलवे कर्मचारी संजीव पाडेय, पुलिसकर्मी रविंद्र सिंह व युवा आकाश यादव। इन लोगों ने अपने आत्मविश्वास और हौसले के दम पर कोरोना को हराया। केस एक :

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संजीव पाडेय कहते हैं कि वह नौ जुलाई को कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। जब रिपोर्ट की जानकारी हुई तो पहले वह भयभीत हो गए, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। साथियों ने उनका हौसला बढ़ा दिया। करीब एक सप्ताह तक वह बेली में भर्ती थे। वहां इलाज के दौरान वह खुद के साथ-साथ अन्य मरीजों को भी यह समझाते रहे कि घबराएं नहीं धैर्य रखें, जल्दी ही ठीक हो जाएंगे। संजीव कहते हैं कि उन्होंने अस्पताल से ही अपनी प्रेरक वीडियो बनाई और लोगों को फारवर्ड करते रहे ताकि अन्य जो मरीज हैं वह देखकर इस बीमारी से घबराएं नहीं। केस दो :

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रविंद्र सिंह कहते हैं कि वे नौ जुलाई को कोरोना पॉजिटिव हो गया। परिवार के लोग तो सहम गए लेकिन उन्हें समझाया कि वह जल्द ही ठीक होकर घर लौटेंगे। आठ दिन बाद हुआ भी ऐसा ही। वह अपने अन्य संक्रमित पुलिस के साथियों को कॉल करके यह बताना नहीं भूलते कि यह कोरोना हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, सिर्फ अपना मनोबल कम न होने दें। अस्पताल में भर्ती हैं तो मोबाइल में यूट्यूब पर प्रेरित करने वाले वीडियो देखें। परिवार के लोगों से वीडियो कॉल कर उनसे भी बात करते रहें। केस तीन :

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मुंडेरा निवासी आकाश यादव दवा कंपनी में काम करते हैं। वे कोरोना संक्रमित हुए और ठीक भी हो गए। कहते हैं कि यह बात तो सब जानते हैं कि कोरोना की कोई कारगर दवा तो है नहीं। ऐसे में इस बीमारी को मात देने के लिए हमें खुद आगे आना होगा। इसके लिए सबसे पहले आवश्यक है कि खुद में इतना आत्मविश्वास हो कि कोरोना उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। जब मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे तभी इस बीमारी को मात देने में सफल होंगे। कहा कि यदि हमें अंदर से ऐसा लगता है कि वह कोरोना संक्रमित हैं तो परिवार से अलग ही रहें ताकि परिवार भी सुरक्षित रहे।


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