हत्या के तीन आरोपितों को आजीवन कारावास, प्रयागराज में फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला
अदालत ने कहा कि आरोपित शब्बे काने अब्बा पागल व मोहम्मद अनीस के विरुद्ध हत्या का आरोप सिद्ध करने में अभियोजन पक्ष पूर्णत सफल रहा है। इसलिए तीनों दंडित किए जाने के योग्य है। तीनों आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित किया जाना उचित होगा।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने हत्या के मामले में तीन आरोपितों को आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को 12-12 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम की न्यायाधीश निशा झा ने लोक अभियोजक मृत्युंजय त्रिपाठी, वादी के अधिवक्ता रणेंद्र प्रताप तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन करने के बाद फैसला सुनाया।
अदालत ने हत्यारोपितों पर अर्थदंड भी लगाया
अदालत ने कहा कि आरोपित शब्बे काने, अब्बा पागल व मोहम्मद अनीस के विरुद्ध हत्या का आरोप सिद्ध करने में अभियोजन पक्ष पूर्णत: सफल रहा है। इसलिए तीनों दंडित किए जाने के योग्य है। तीनों आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित किया जाना उचित होगा।
प्रयागराज के खुल्दाबाद थाने का मामला
खुल्दाबाद थाने पर शहबाज अली ने एफआइआर दर्ज कराई थी कि 13 मार्च 2011 को खुल्दाबाद के तिरंगा चौराहे से जाकिर अली उर्फ राजू, मो. शाकिर उर्फ बबलू तथा वह स्वयं (शहबाज) एक साथ घर की ओर जा रहे थे। तभी पीछे से मोटरसाइकिल से पीछा करते हुए शब्बे काने, अब्बा पागल व मोहम्मद अनीस आए और गालियां देने लगे। विरोध करने पर जाकिर को टक्कर मार दिए। बोलने पर पत्थर से सभी मारने लगे और फिर सभी के ललकारने पर अनीस ने गोली मारकर जाकिर की हत्या कर दी। इसके बाद तमंचा लहराते और धमकाते हुए वहां से भाग गए थे।
किशोरी के अपहरण में जमानत खारिज
नाबालिक लड़की के अपहरण करने के आरोपित रामू विश्वकर्मा की जमानत अर्जी जिला न्यायालय ने खारिज कर दी है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विकास श्रीवास्तव ने एडीजीसी राजकुमार सिंह एवं आरोपित के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद अर्जी को नामंजूर किया। 29 नवंबर 2021 को उतरांव थाने में वादी ने रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसकी पुत्री को गांव का ही रामू विश्वकर्मा शादी करने के बहाने बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। अपराध की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दिया।