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दुकानों के बोर्ड पर जाति लिखने से रोक के लिए पीएमओ को पत्र, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ने उठाई मांग

डॉ. विक्रम ने पत्र में जिक्र किया है कि हाल में भारत सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की कि वाहनों पर यदि जाति लिखा पाया गया तो जुर्माना देना होगा। उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया है। दुकानों के बोर्ड पर जाति लिखने पर रोक की मांग की है।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 07:00 AM (IST)
दुकानों के बोर्ड पर जाति लिखने से रोक के लिए पीएमओ को पत्र, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ने उठाई मांग
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.विक्रम हरिजन ने दुकानों के बोर्ड पर जाति उल्लेखित किए जाने पर प्रतिबंध की मांग की है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.विक्रम हरिजन ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र भेजकर दुकानों के बोर्ड पर जाति उल्लेखित किए जाने पर प्रतिबंध की मांग की है। इसके पीछे उन्होंने जाति लिखे वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की गाइडलाइन का जिक्र किया है। यह प्रतिलिपि गृह मंत्री के अलावा सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई है।

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डॉ. विक्रम ने पत्र में जिक्र किया है कि हाल में भारत सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की। इसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया कि वाहनों पर यदि जाति लिखा पाया गया तो जुर्माना देना होगा। उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया है। साथ ही नई गाइडलाइन जारी करने की मांग भी उठाई है। उनका कहना है कि शहर में अग्रवाल स्वीट हाउस, जायसवाल क्लाथ स्टोर, तिवारी बिल्डिर्स, पंडित कचौड़ी, पांडेय पान बहार आदि जातिसूचक नाम के साथ दुकानों का संचालन होता है।

सार्वजनिक और निजी दुकानों से भी जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए

यह संविधान के खिलाफ है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2016 में मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया था कि सभी सरकारी और गैर सरकारी कॉलेजों से भी जातिसूचक शब्द हटा दिए जाएं। ऐसे में देश के सभी राज्यों के लिए यह गाइडलाइन भी जरूरी है कि वह सार्वजनिक और निजी दुकानों से भी जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए।


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