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इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता गौरीशंकर केशरवानी के साथ मारपीट से वकीलों में नाराजगी

प्रयागराज में दीवानी अदालत के अंदर मुकदमे की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता गौरीशंकर केशरवानी के साथ मारपीट की घटना की निंदा की है। प्रशासनिक न्यायाधीश से मामले की जांच कराकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 07:35 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 07:35 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता गौरीशंकर केशरवानी के साथ मारपीट से वकीलों में नाराजगी
इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता गौरीशंकर केशरवानी के साथ मारपीट की घटना की निंदा

प्रयागराज, विधि संवाददाता। जूनियर लायर्स एसोसिएशन ने प्रयागराज दीवानी अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता गौरीशंकर केशरवानी के साथ मारपीट की घटना की निंदा की है। प्रशासनिक न्यायाधीश से मामले की जांच कराकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। इसके मद्देनजर सोमवार को मिथिलेश कुमार तिवारी की अध्यक्षता में बैठक हुई। संचालन गया प्रसाद सिंह ने किया। बैठक में मानवेंद्र सिंह, दिनेश मिश्र, संजय जायसवाल, ज्ञान प्रकाश अस्थाना, मनीष, राजकुमार मौजूद रहे।

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खुली अदालत में अधिवक्ता पर हमला कोर्ट की अवमाननना

वहीं, प्रबुद्ध अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बीपी शुक्ल ने कहा कि खुली अदालत में अधिवक्ता के साथ मारपीट करना कोर्ट की अवमानना है। इसके लिए आपराधिक अवमानना कार्रवाई होनी चाहिए। प्रयागराज अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एनके चटर्जी ने कहा कि अदालत में अधिवक्ता द्वारा में मारपीट की बढ़ती घटनाएं सुरक्षा के लिए चिंता जनक है। आदर्श अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शरद चंद्र मिश्र ने कहा कि पक्षकारों के अधिवक्ताओं में मारपीट चिंताजनक है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाए। मामले के अनुसार दो दिसंबर प्रयागराज की फास्ट ट्रैक अदालत संख्या दो में घनश्याम दास केशरवानी बनाम मोतीलाल आदि केस की सुनवाई हुई। वादी अधिवक्ता ओंकारनाथ मिश्र ने गौरीशंकर केशरवानी पर हमला कर दिया था।

उमाकांत यादव को जमानत नहीं

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्वांचल के उमाकांत यादव की गैंगस्टर मामले में जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची द्वारा जमानत अर्जी में अपने विरुद्ध दर्ज अपराधिक इतिहास जैसे महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाया गया है। इस आधार पर जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट की अदालत ने याची उमाकांत यादव की जमानत अर्जी पर दिया है। मामले के अनुसार उमाकांत यादव के विरुद्ध आजमगढ़ जिले के अलग-अलग थाने में हत्या, लूटपाट, मारपीट जैसे जघन्य अपराधों में लगभग डेढ़ दर्जन अपराधिक मामले दर्ज हैं। इनके विरुद्ध दीदारगंज थाना में गैंगस्टर एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। कहा गया कि रविकांत यादव द्वारा गैंग बनाकर आर्थिक लाभ कमा रहे हैं। उस गैंग का याची भी सदस्य है।


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